रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन खौफ में हैं. वह यूक्रेन में वॉर क्राइम के ‘अपराधी’ हैं. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इसी साल 17 मार्च को उन्हें दोषी पाया. आरोप था कि यूक्रेन से बच्चों का अपहरण कर उन्हें रूस डिपोर्ट किया गया है. अगर वह रूस की सीमा लांघते हैं तो 123 देशों को उन्हें तुरंत गिरफ्तार किए जाने का आदेश है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर एक राष्ट्रपति की गिरफ्तारी कैसे मुमकिन है?
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123 देशों ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया है अगर वे रूस की सीमा पार करते हैं। अब सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि आखिर राष्ट्रपति की गिरफ्तारी कैसे संभव है?
यूक्रेन पर हुए हमले के बाद राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अबतक देश से बाहर नहीं गए हैं। वे बहुत से महत्वपूर्ण सम्मेलनों में भी नहीं गए। अगले महीने 22 अगस्त से 24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट का कार्यक्रम है। इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। Путин ने इस सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया है। दक्षिण अफ्रीका आईसीसी का सिग्नेटरी है, इसलिए उसे पुतिन को गिरफ्तार करना चाहिए। रूस-अफ्रीका समिट में अफ्रीकी नेता ने पुतिन के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को हटाने की मांग की है।
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16000 बच्चों के अपहरण का मामला
फरवरी में, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला किया था। रूसी सेना ने यूक्रेन की सीमा पर पहुंचते ही भारी क्षति की। पुतिन ने ग्राउंड अटैक से युद्ध की शुरुआत की। देखते-देखते बहुत सारे बड़े हिस्से पकड़ लिए गए। पुतिन की सेना ने इस दौरान कब्जे वाले क्षेत्रों से कथित रूप से 16000 बच्चों को अपहरण किया। उन्हें रूस भेजा गया। तीन सौ बच्चे इनमें से घर लौट आए हैं, लेकिन बाकी बच्चों के साथ क्या हुआ, कुछ नहीं पता।
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पुतिन को एक महीने से भी कम समय में दोषी करार दिया गया
22 फरवरी 2023 को, बच्चों के अपहरण का मामला अंतर्राष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट में पहुँचा। A.A. Khan, एक अधिवक्ता, ने आईसीसी में अपील की। मामले की जांच शुरू हो गई। 42 टीमें जांच के लिए यूक्रेन भेजी गईं। आईसीसी ने 65,000 युद्ध अपराधों की पहचान की, जो रूसी सेना ने यूक्रेन में किए थे। कोर्ट ने सबूत प्रस्तुत किए। न्यायालय ने माना कि पुतिन असल में एक युद्ध अपराध के “अपराधी” हैं। कोर्ट ने एक महीने से भी कम समय में पुतिन को दोषी ठहराया।
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