November 19, 2024

News , Article

fighter_jet

नीदरलैंड न्यायिक निर्णय: इजराइल को F-35 के पार्ट्स न भेजने का आदेश

सोमवार को नीदरलैंड के एक अपीलीय न्यायिक आदान-प्रदान ने फैसला किया है. वह इजराइल को फाइटर जेट F-35 के पार्ट्स नहीं भेजेगा. इस निर्णय का मौजूदा संदर्भ में स्पष्ट जोखिम को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के साथ जोड़ते हुए जारी किया है. दिसंबर में तीन मानवाधिकार संगठनों द्वारा नीदरलैंड के खिलाफ दायर किए गए मुकदमे में यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था. इस एक्सपोर्ट का इस्तेमाल हमास के साथ हो रहे संभावित युद्ध अपराधों में शामिल नहीं होना चाहिए. अब अदालत ने एक्सपोर्ट को सात दिनों के भीतर बंद करने का आदेश जारी किया है.

also read: ईशान-श्रेयस को लेकर बीसीसीआई सख्त, रणजी खेलना किया अनिवार्य

नीदरलैंड और इजराइल के बीच राजनीतिक इत्तेफाक पर प्रभाव

इस निर्णय का आयोजन हुआ जब नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रट ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संघर्ष पर विचार करने के लिए मुलाकात की थी. इस यात्रा के दौरान उनकी फलस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद शतायेह से भी अलग मुलाकात होने की संभावना है. विदेश मंत्रालय ने बताया है कि सरकार इस निर्णय के खिलाफ अपील करेगी, हालांकि विदेश व्यापार और विकास मंत्री जेफ्री वैन लीउवेन ने स्पष्ट किया है कि उनकी देश की विदेश नीति राजनीतिक इत्तेफाक पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून पर निर्भर है.

दिसंबर में, ऑक्सफैम नोविब, पैक्स नेदरलैंड, और द राइट्स फोरम ने एक मामला दायर किया था. उन्होंने दावा किया कि नीदरलैंड का F-35 के प्लेन के पार्ट्स का इजारा हमास के साथ हो रहे युद्ध में इजराइल के संभावित अपराधों में शामिल होने का खतरा बढ़ाता है. अदालत ने उनके दावों पर गंभीरता से जवाब दिया है और एक्सपोर्ट को सात दिनों के भीतर बंद करने का आदेश जारी किया है.

also read: अवाम चाहती थी मजबूत सरकार लेकिन पाकिस्तान में तो रायता फैल गया, क्या लगेगा मिलिट्री लॉ?

न्यायप्रद निर्णय पर सरकारी प्रतिक्रिया

मुख्य वकील लिस्बेथ ज़ेगवेल्ड ने इस निर्णय के पश्चात समाचार मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है, “हम इस न्यायप्रद निर्णय के लिए आभारी हैं और अदालत के फैसले की समर्थन करते हैं, जिससे हमें न्याय मिला है.” सरकारी स्तर पर भी विदेश मंत्रालय ने इस निर्णय के खिलाफ अपील करने का ऐलान किया है. जो इस मुद्दे पर आगे की कदम रेखा को दिखाता है. इसके अलावा, उन्होंने जो आपत्ति जताई है, वह न्यायिक प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता को बताते हुए सुनिश्चित किया कि न्याय मिलने के बाद भी सिद्धांतों का पालन किया जाए. इसके साथ ही, सरकारी अधिकारी ने इस मुद्दे पर उचित प्रशिक्षण और जागरूकता की आवश्यकता को भी महत्वपूर्ण माना है.

also read: PAK में किसके सिर सजने जा रहा PM का ताज? ये हैं 4 विकल्प, जनरल मुनीर करेंगे फाइनल फैसला