December 22, 2024

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Delayed monsoon withdrawal

सप्ताह भर की देरी से मानसून की विदाई, पांच उपमंडलों में कम वर्षा

इस वर्ष देश में मानसून अब धीरे-धीरे विदा हो रहा है। कुछ राज्यों में अभी भी बारिश हो रही है, जबकि अन्य राज्यों में बारिश का सिलसिला थम चुका है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान और कच्छ के क्षेत्रों से शुरू हो चुकी है। इस बार मानसून अपनी सामान्य तारीख से एक सप्ताह की देरी से वापस जा रहा है।

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मानसून का यह सीजन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा है, क्योंकि देश में सामान्य से पांच प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। बारिश के चलते कई राज्यों में नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, जबकि जिन राज्यों में बारिश रुक गई है, वहां उमस और गर्मी ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस असंतुलित मौसम ने देशभर में विभिन्न परिस्थितियां उत्पन्न की हैं।

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मानसून की धीमी वापसी: कुछ राज्यों में बाढ़ का खतरा, कहीं शुष्क मौसम

आईएमडी के अनुसार, आमतौर पर मानसून 17 सितंबर के आसपास वापस लौटने लगता है, लेकिन इस साल इसकी वापसी 23 सितंबर को राजस्थान और कच्छ से शुरू हुई। अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी राजस्थान के अन्य हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, और गुजरात के आस-पास के क्षेत्रों में भी मानसून की वापसी के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं।

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जिन क्षेत्रों में अब भी बारिश जारी है, वहां बाढ़ का खतरा बना हुआ है, जबकि अन्य हिस्सों में शुष्क मौसम का प्रभाव है। मौसम विभाग ने कुछ राज्यों में आगे भी बारिश की संभावना जताई है, जिससे वहां के मौसम में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। इस मानसूनी बदलाव के चलते देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम की स्थिति भिन्न-भिन्न बनी हुई है।

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