September 19, 2024

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हिमाचल की तबाही: चार जगह बादल फटे, परिवार के 7 लोगों समेत 53 लापता

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचाई हुई है, खासकर कुल्लू और मंडी जिलों में। कुल्लू के निरमंड ब्लॉक में दो स्थानों पर और मलाणा में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, वहीं मंडी जिले में भी बादल फटने से भारी तबाही का सामना करना पड़ा है। इन घटनाओं से कई मकान, स्कूल और अस्पताल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इन तीनों स्थानों पर लगभग 53 लोग लापता हो गए हैं, जबकि 35 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। बादल फटने की घटनाओं के बाद, हिमाचल मंडी के पधर क्षेत्र में सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान आज बंद कर दिए गए हैं। डीसी ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। मंडी के थलटूखोड़ क्षेत्र में आधी रात को बादल फटने से भारी तबाही हुई है। मकान ढहने की सूचनाएं हैं और सड़क कनेक्टिविटी भी ठप हो गई है। राहत और बचाव के लिए एसडीआरएफ और अन्य टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं।

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थलटूखोड़ पंचायत में बादल फटने से भारी तबाही

थलटूखोड़ पंचायत के प्रधान कली राम ने बताया कि तेरंग और राजबन गांवों में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई लोग लापता हो गए हैं और तीन घर बह जाने की सूचना है। पधर उपमंडल के थलटूखोड़ में बादल फटने की घटना में नौ लोग लापता हैं, जिनमें से एक का शव बरामद किया गया है जबकि 35 लोग सुरक्षित बचाए गए हैं। मंडी जिला प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए एयरफोर्स को अलर्ट कर दिया है और एनडीआरएफ से भी मदद का निवेदन किया गया है। डीसी अपूर्व देवगन और रेस्क्यू टीमें पैदल ही प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना हो गई हैं, लेकिन सड़कों और रास्तों के टूटने के कारण घटनास्थल तक पहुंचने में मुश्किल हो रही है।

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इसके अलावा, शिमला-कुल्लू सीमा पर भी बादल फटने की घटना से भारी तबाही मची है। यहां भी कई मकान, स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई लोग लापता हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं और एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। कुल्लू के निरमंड इलाके में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है और 20 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है।

प्रशासन और स्थानीय लोग राहत और बचाव कार्यों में पूरी तरह से जुटे हुए हैं, लेकिन सड़कों और रास्तों के टूटने के कारण प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संकट की घड़ी में प्रभावित लोगों की सुरक्षा और सहायता के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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