छिंदवाड़ा के सालढाना गांव में उपसरपंच उरदलाल यादव ने एक आदिवासी युवती से कोर्ट मैरिज की. इस पर नाराज़ होकर दस गांवों की पंचायत ने ₹1.30 लाख का जुर्माना लगाया. एक साल तक जुर्माना न भरने पर पंचायत ने जनसुनवाई में शिकायत की, जिस पर प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.
छिंदवाड़ा जिले में अपनी पसंद से शादी करना उपसरपंच को महंगा पड़ गया। दस गावों की पंचायत ने उस पर सवा लाख का जुर्माना लगा दिया है.
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प्रेम विवाह पर पंचायत का फरमान: जुर्माना या बहिष्कार
जानकारी के मुताबिक हर्रई ब्लॉक के सालढाना गांव के उपसरपंच उरदलाल यादव ने एक आदिवासी युवती पंचवती उईके से कोर्ट मैरिज कर ली, और बस. इलाके के ‘ठेकेदारों’ को यह रास नहीं आया। नतीजा? दस गांवों के सरपंचों ने मिलकर पंचायत बिठाई और फरमान जारी कर दिया – 1.30 लाख का हर्जाना दो, नहीं तो समाज से बाहर!
सितंबर 2024 में सालढाना समेत 10 गांवों के सरपंच एकजुट हुए. उनकी ‘अदालत’ बैठी और ‘गुनाह’ तय हुआ – एक गैर-आदिवासी का आदिवासी महिला से विवाह. सजा भी तुरंत सुना दी गई – मोटा जुर्माना और सामाजिक बहिष्कार का खौफ.
शादी को सालभर हो गया, लेकिन पंचायत का ‘इंसाफ’ अभी बाकी है. एक साल बीतने के बाद भी जब उपसरपंच ने जर्माना राशि अदा नहीं की तो पंचायत की तरफ से ही बिरजू पिता जहरलाल जनसुनवाई में पहुंच गए और प्रशासन से गुहार लगाई – हुजूर, हमारा जुर्माना वसूल करवाओ!
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