एक क्लाउड आधारित डाटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, 1,388 टेक कंपनियों ने कोविड-19 की शुरुआत के बाद से अब तक कुल 233,483 कर्मचारियों को निकाल दिया है। इन आंकड़ों में 2022 तकनीकी क्षेत्र के लिए सबसे खराब साल रहा है।
दुनियाभर की टेक कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी का सिलसिला जारी है। मेटा, अमेजन, एचपी और ट्विटर जैसी दिग्गज कंपनियां भी बड़ी मात्रा में कर्मचारियों को बर्खास्त कर रही हैं।वैश्विक मंदी की आहट के बीच टेक स्पेक्ट्रम की अधिक से अधिक कंपनियों ने छंटनी अभी भी जारी है।
दो साल में गईं 2 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां
एक क्लाउड आधारित डाटाबेस, लेऑफ.एफवाई के आंकड़ों के अनुसार, 1,388 टेक कंपनियों ने कोविड-19 की शुरुआत के बाद से अब तक कुल 233,483 कर्मचारियों को निकाल दिया है। इन आंकड़ों में 2022 तकनीकी क्षेत्र के लिए सबसे खराब साल रहा है।क्रंचबेस के अनुसार, रॉबिनहुड, ग्लोसियर और बेटर कुछ ऐसी टेक कंपनियां हैं, जिन्होंने 2022 में अपने कर्मचारियों की संख्या में उल्लेखनीय रूप से कटौती की है।
अमेजन में जारी रहेगा छंटनी का सिलसिला
अमेजन और पीसी व प्रिंटर प्रमुख एचपी जैसी बड़ी टेक कंपनियां वैश्विक छंटनी के मौसम में शामिल हो गई हैंबड़े पैमाने पर नौकरी में कटौती ने कई डिवीजनों को प्रभावित किया है, विशेष रूप से एलेक्सा वर्चुअल असिस्टेंट बिजनेस, जो कथित तौर पर इस साल 10 बिलियन डॉलर का नुकसान झेलने के लिए तैयार है क्योंकि वॉयस असिस्टेंट कभी भी एक सतत राजस्व स्ट्रीम बनाने में कामयाब नहीं हुआ।,
भारतीय कंपनियां भी झेल रहीं घाटा
भारत में लगभग 16,000 कर्मचारियों को BYJU’S, अनअकैडमी और वेदांतु जैसी एडटेक कंपनियों के नेतृत्व में लगभग 44 स्टार्टअप्स द्वारा जाने के लिए कहा गया है, क्योंकि वीसी (वेंचर कैपिटल) फंडिंग लगातार कम हो रही है।इस बीच हजारों संविदा कर्मचारियों को भी जाने दिया गया है, जिससे 2022 तकनीकी क्षेत्र में श्रमिकों के लिए सबसे कठिन वर्ष बन गया है।
PwC इंडिया की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर की अवधि में भारत में केवल दो स्टार्टअप, शिपरॉकेट और वनकार्ड ने यूनिकॉर्न का दर्जा (मूल्य 1 बिलियन डॉलर और उससे अधिक) प्राप्त किया।
क्यों जा रही हैं टेलीकॉम सेक्टर की नौकरियां
दरअसल, आर्थिक मंदी की आहट से दुनियाभर की टेक कंपनियां डरी हुई हैं। नौकरी जाने के एक सबसे बड़े कारण के रूप में देखा जाए तो ऑनलाइन बिजनेस के चलते अधिक मात्रा में हायरिंग है। साथ ही बढ़ती आर्थिक मंदी के बीच अपने खर्च को कम करने के लिए भी लगातार छंटनी की जा रही है।
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