नैसकॉम की नई अध्यक्ष सिंधु गंगाधरन ने कहा है कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में तेजी से वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि यहां कुशल और प्रतिभाशाली पेशेवरों की बड़ी संख्या है। उनके अनुसार, यह तकनीकी कामगारों के लिए भारत में काम करने का सबसे अनुकूल समय है। उन्होंने कार्यस्थल पर मानसिक और सामाजिक कल्याण की अहमियत से लेकर एआई और जेनएआई के आर्थिक प्रभाव तक कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। साथ ही, उन्होंने संगठनों को अपने कर्मचारियों की मानसिक और शारीरिक भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाली नीतियां अपनाने पर जोर दिया। गंगाधरन ने कहा कि भारत दुनिया में तेजी से वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की सबसे बड़ी जगह बनकर उभरा है। मौजूदा वक्त में देश में लगभग 1,200 ऐसे केंद्र हैं, लेकिन यह संख्या जल्द ही बढ़कर 2,200 से भी अधिक होने की उम्मीद है।
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AI से नौकरियां नहीं छिनेंगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी उत्पादकता: गंगाधरन
गंगाधरन ने कहा कि लोगों को यह बेवजह चिंता हो रही है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आईटी सेक्टर में नौकरियां खत्म कर देगा, जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। एआई नौकरियां छीनने के बजाय, लोगों को अधिक उत्पादक बनने में मदद करेगा और उन्हें महत्वपूर्ण और जटिल समस्याओं पर काम करने के लिए अधिक समय प्रदान करेगा। इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और नई संभावनाएं उभरेंगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत उन कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहेगा जो तकनीकी परिवर्तन के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए कुशल कर्मियों की तलाश में हैं।
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एआई में भारत की विशेषज्ञता से मिलेगी वैश्विक कामयाबी: नैसकॉम अध्यक्ष
नैसकॉम अध्यक्ष ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में भारत ज्ञान और विशेषज्ञता के मामले में दुनिया में अग्रणी है। यदि भारत अपने टैलेंट को नवीनतम तकनीकों के साथ लगातार अपडेट करता है और विभिन्न उद्योगों में अपनी क्षमताओं को विस्तार देता है, तो उसे वैश्विक स्तर पर एआई में और भी अधिक सफलता प्राप्त करने का शानदार अवसर मिल सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया के लगभग 16% विशेषज्ञ भारत से हैं।
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जनरेटिव AI से कारोबार और अर्थव्यवस्था में आएगा बड़ा बदलाव: गंगाधरन
गंगाधरन ने कहा कि जनरेटिव एआई व्यवसाय संचालन के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है, जिससे नए कारोबारी मॉडल और ग्राहक अनुभव की शुरुआत हो रही है। उन्होंने बताया कि यदि हम केवल एआई के आर्थिक प्रभाव को देखें, तो अगले तीन वर्षों में यह अनुमानित रूप से 3.5 से 4 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि कर सकता है। यह दर्शाता है कि एआई कितना शक्तिशाली और परिवर्तनकारी हो सकता है, और कैसे यह कई क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाने की क्षमता रखता है।
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