अखिलेश यादव ने सीबीआई से कहा है कि वह जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं. उन्होंने लखनऊ में जांच-पड़ताल का आदान-प्रदान करने का प्रस्ताव दिया है और उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी जुड़ सकते हैं. उन्होंने सवाल भी उठाए हैं, कहते हैं कि चुनाव से पहले ही ऐसा नोटिस क्यों भेजा गया है. सीबीआई ने आज, यानी गुरुवार, अखिलेश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था.
सीबीआई ने अवैध खनन मामले में अखिलेश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था
सीबीआई ने अवैध खनन मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को आज, यानी गुरुवार, पूछताछ के लिए बुलाया था. यद्यपि अखिलेश सीबीआई के सामने हाजिर नहीं हुए, उन्होंने जवाब जरूर दिया है. सपा प्रमुख ने लखनऊ में सीबीआई से जांच कराने की मांग की है और वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ने को तैयार हैं
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सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव ने समन के जवाब में यह कहा कि वह जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं और उन्होंने लखनऊ में जांच-पड़ताल का समर्थन किया है. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ने का भी सुझाव दिया है. साथ ही, उन्होंने सवाल उठाए हैं, कहते हैं कि चुनाव से पहले ही ऐसा नोटिस क्यों भेजा गया है और पिछले 5 सालों में इस संबंध में कोई जानकारी क्यों नहीं मांगी गई.
सपा सांसद डिंपल यादव ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी
इसके साथ ही, अखिलेश की पत्नी और सपा सांसद डिंपल यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि वे पहले नेता प्रतिपक्ष नहीं हैं जिन्हें समन भेजा गया है और इसे एक प्रतिष्ठान्वित व्यक्ति, उद्योगपति, व्यापारी और छोटे व्यापारी पर दबाव बनाने का प्रयास बताया है. उन्होंने इसे भारत गठबंधन की मजबूती के खिलाफ हुआ एक कदम बताया है और यह सरकार उनकी मजबूती से डरती है, इसलिए ऐसा किया जा रहा है.
जानिये पूरा मामला क्या था
सीबीआई ने अखिलेश यादव को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया है, जिसे 21 फरवरी को जारी किया गया था. नोटिस में उजार कहा गया है कि अखिलेश यादव को सीबीआई के सामने जवाब देने के लिए उपस्थित होना होगा. अखिलेश यादव ने 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था और यह मामला उस समय का है.
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इस मामले का मौदू स्वीकृति अदालत ने 28 जुलाई 2016 को दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने इसे जाँचतालाब में दर्ज किया था. मामले में डीएम, जियोलॉजिस्ट, माइनिंग ऑफिसर, क्लर्क, लीज होल्डर, और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ 120 बी, 379, 384, 420, 511, और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन की धारा 13(1), (d) के तहत केस दर्ज किया गया था. 5 जनवरी 2019 को सीबीआई ने 12 स्थानों पर छापे मारे और बहुत सी नकदी और सोने को जब्त किया गया था. इस मामले में सीबीआई ने अखिलेश को गवाह के रूप में सीआरपीसी 160 के तहत बुलाया था.
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