उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में यूपी डिजिटल मीडिया पॉलिसी, 2024 की घोषणा की है, जिसमें सोशल मीडिया पर सरकार की नीतियों का प्रचार करने पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही, अश्लील, अभद्र या राष्ट्रविरोधी सामग्री फैलाने पर कार्रवाई की जाएगी। यह घोषणा इस सप्ताह बुधवार को की गई थी।
इस नई पॉलिसी के सामने आने के बाद विपक्ष, कई विश्लेषक और सोशल मीडिया इन्फ़्लूएंसर्स सवाल उठा रहे हैं और सरकार की प्रचार-प्रसार करने पर पैसे देने की इस नीति को ‘रिश्वत’ क़रार दे रहे हैं.
साथ ही वो आरोप भी लगा रहे हैं कि इस नीति के बहाने सरकार अपने आलोचकों को धमकाकर उनका मुंह बंद करवाना चाहती है. वहीं सरकार इस नीति को प्रदेश में बेरोज़गारी दूर करने की दिशा में उठाया गया क़दम बता रही है.
Also Read : उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के झुंड का फिर हमला, 3 साल की बच्ची की हत्या
उत्तर प्रदेश की डिजिटल नीति में मुख्य बिंदुओं की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने 28 अगस्त 2024 को बताया कि नई डिजिटल नीति के तहत सरकार की गतिविधियों के प्रचार के लिए विज्ञापन के माध्यम से प्रोत्साहन मिलेगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित कंटेंट को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
Also Read : आसिम रियाज़ ने ‘खतरों के खिलाड़ी 14’ के मेकर्स पर हमला किया हमला
योजना का लाभ सब्सक्राइबर्स और फ़ॉलोअर्स की संख्या पर निर्भर करेगा
सरकार के अनुसार, इस योजना का लाभ सब्सक्राइबर्स या फ़ॉलोअर्स की संख्या के आधार पर मिलेगा, जिसमें सोशल मीडिया पर अधिकतम पांच लाख रुपए और यूट्यूब पर आठ लाख रुपए प्रति माह तक का भुगतान तय किया गया है। इसके अलावा, कंटेंट की गुणवत्ता, अवधि (वीडियो के मामले में) और पोस्ट की संख्या के लिए भी विस्तृत मापदंड निर्धारित किए गए हैं।
Also Read: कराची में ओपनिंग डे पर ही पाकिस्तानियों ने लूट लिया मॉल, तहस-नहस कर दी चीजें
More Stories
Lalu and Tejashwi Yadav: ‘Nitish Kumar’s Failure’ in Nawada Arson
Indian Investors Flock to Greece for Golden Visa Opportunities
काम के बोझ से 26 साल की CA की मौत