तमिलनाडु विधानसभा के राज्यपाल रवि ने व्यक्त किया कि उन्होंने अनेक बार अनुरोध और सलाह की, लेकिन उन्हें राष्ट्रगान के प्रति उचित सम्मान नहीं मिला. संबोधन की शुरुआत और अंत में इसे बजाने के अनुरोध को भी नजरअंदाज कर दिया गया. तमिलनाडु विधानसभा के इतिहास में पहली बार, राज्यपाल आरएन रवि ने सोमवार को अपने भाषण को कुछ मिनटों के भीतर समाप्त कर दिया. उन्होंने डीएमके शासन की आलोचना करके राष्ट्रगान के प्रति सम्मान नहीं दिखाने की नाराजगी जाहिर की.
Also Read: प्रधानमंत्री मोदी आज श्रीलंका और मॉरिशस में UPI का करेंगे शुभारंभ
इसके परिणामस्वरूप, भाजपा और डीएमके नेताओं के बीच तनाव बढ़ा है. भगवा पार्टी के नेता ने राज्यपाल की मांग को सही ठहराया है, जबकि डीएमके नेताओं ने कहा है कि राज्यपाल को पहले तमिलनाडु की स्थिति का पता लगाना चाहिए.
जानिए पूरा मामला
मुख्य रूप से, राज्यपाल रवि ने यह कहा था कि उन्हें राष्ट्रगान के प्रति उचित सम्मान नहीं मिल रहा है, यह उनके बार-बार के अनुरोध और सलाह के बावजूद. संबोधन की शुरुआत और अंत में उनके अनुरोध को नजरअंदाज किया गया. उन्होंने इस भाषण के तथ्यात्मक और नैतिक अंशों के साथ सहमत नहीं होने की बात की और इसे संवैधानिक उपहास के रूप में व्यक्त किया। उन्होंने अपने भाषण को यहां समाप्त करते हुए कहा कि सभा में उचित सम्मान के अभाव में, वह अपने भाषण को समाप्त कर रहे हैं और लोगों के हित के लिए सदन में सार्थक और स्वस्थ चर्चा की कामना करते हैं.
तमिलनाडु विधान सभा में सबसे पहले तमिल गाना बजाने की परंपरा : एलंगोवन
डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा, ‘वह नहीं जानते कि तमिलनाडु कहां है. उन्हें पहले यह पता लगाना चाहिए कि तमिलनाडु कहां है क्योंकि पिछले 25 वर्षों से राज्यपाल के अभिभाषण से पहले विधानसभा में सबसे पहले तमिल गान गाया जाता था और फिर अंत में राष्ट्रगान गाया जाएगा. 20-25 साल से भी अधिक समय से यही परंपरा रही है.
Also Read: किसान आंदोलन: पंजाब सीमा पर त्रिस्तरीय सुरक्षा, BSF व RAF की 50 कंपनियां तैनात, 15 जिलों में धारा 144 लागू
उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण पर सहमत नहीं होने पर कहा, ‘अभिभाषण में जो कुछ है, उससे सहमत होने वाले वह कौन होते हैं?राज्य सरकार की नीति राज्यपाल को विधानसभा में पढ़ने के लिए दी जाती है. वह इसे पढ़ें या न पढ़ें, विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा बनने दें. यह वह पार्टी है जो सरकार चला रही है, जिसने उन लोगों से कुछ वादे किए हैं, जिन्होंने उन्हें चुना है. यह उन्हें तय करना है कि पता क्या है. संसद में भी, राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकारी कैबिनेट द्वारा तैयार किया जाता है, राष्ट्रपति द्वारा नहीं. उनका पहले से ही कई लोगों द्वारा मजाक उड़ाया जा रहा है. वो जोकर बनता जा रहा है.
More Stories
गजरात में पटाखा फैक्ट्री बॉयलर फटने से 17 MP श्रमिकों की मौत
भूकंप से म्यांमार को हुआ भारी नुकसान, इसरो की सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा
7 free Ghibli-style AI image editors you can use online right now