सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उनके खिलाफ अहमदाबाद कोर्ट में चल रहे मानहानि मामले को राज्य के बाहर, प्राथमिक तौर पर दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की थी तेजस्वी यादव ने, हरेश मेहता जो गुजरात में रहते हैं, ने तेजस्वी यादव के बयान के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया था. मेहता ने आरोप लगाया कि तेजस्वी के बयान से गुजरातियों की मानहानि हो गई है.
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माफीनामे पर नोटिस लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है
सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी यादव द्वारा की गई मानहानि मामले की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में उच्चतम न्यायालय के अहमदाबाद में चल रहे मानहानि मामले को राज्य के बाहर, मुख्य रूप से दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की थी. सुनवाई के बाद, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस उज्जल भुयन ने तेजस्वी यादव द्वारा दायर किए गए माफीनामे पर नोटिस लेने के बाद अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया है.
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पिछले साल दिया था बयान
तेजस्वी यादव ने पिछले साल मार्च में दिए गए एक बयान में कहा था कि ‘इस समय में सिर्फ गुजराती ही ठग सकते हैं और उनकी धोखाधड़ी को माफ भी कर दिया जाएगा.’ इस बयान के खिलाफ गुजरात के निवासी हरेश मेहता ने तेजस्वी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. मेहता ने आरोप लगाया कि तेजस्वी के बयान से गुजराती लोगों की मानहानि हुई है.
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इस मामले की सुनवाई अहमदाबाद की कोर्ट में चल रही थी, जिस पर तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उन्होंने मांग की थी कि मामले की सुनवाई को गुजरात से बाहर ट्रांसफर किया जाए. तेजस्वी यादव ने 19 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके मामले को वापस लेने की मांग की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तेजस्वी यादव को अपने आरोपों को वापस लेने के साथ-साथ अपना जवाब देने के लिए निर्देश दिया था.
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