भारतीय मूल के अमेरिकियों के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। पहली बार, अमेरिकी संसद के निचले सदन, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स, में एक साथ छह भारतवंशी नेताओं ने सदस्य के रूप में शपथ ली। यह एक अनूठा अवसर है, जब इतनी बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी नेता एक साथ इस पद के लिए चुने गए हैं।
सुहास सुब्रमण्यम, अमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और श्री थानेदार अमेरिकी सदन में पहुंचे हैं। डॉ. अमी बेरा 2013 से कैलिफोर्निया के सातवें संसदीय जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे सीनियर भारतीय अमेरिकी सांसद हैं। उन्होंने सदन में सातवीं बार शपथ लेने पर सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘जब मैंने पहली बार 12 साल पहले शपथ ली थी तो मैं अकेला भारतीय अमेरिकी सांसद था। अगर अमेरिका की इतिहास की बात करूं तो तीसरा सांसद था। आज मैं एक बार फिर शपथ ले रहा हूं। अब हमारा छह लोगों का मजबूत समूह है। मुझे खुशी है कि आने वाले वर्षों में और भारतीय अमेरिकी सांसद होंगे!’
श्री थानेदार की जीत
श्री थानेदार मिशिगन के 13वें संसदीय जिले से लगातार दूसरी बार चुने गए। उन्होंने इसे पहली बार 2023 में जीता था। सदन में मौजूद अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए थानेदार ने कहा, ‘सेवा के लिए तैयार। सभी छह भारतीय-अमेरिकी सांसद डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं। सदन के स्पीकर पद के लिए हुए चुनाव में सदन के अल्पसंख्यक नेता हकीम जेफ्रीज को वोट दिया। मगर रिपब्लिकन माइक जॉनसन को सदन का स्पीकर चुना गया।’
खन्ना का राष्ट्रपति पद की ओर बढ़ता कदम
सांसद रो खन्ना कैलिफोर्निया के 17वें संसदीय जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि राजा कृष्णमूर्ति इलिनोइस के आठवें संसदीय जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं। वाशिंगटन राज्य के सातवें संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रमिला जयपाल प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला हैं। खन्ना, कृष्णमूर्ति और जयपाल ने लगातार पांचवीं बार शपथ ली है। वे अपने तरीके से शक्तिशाली सांसदों के रूप में उभरे हैं।कृष्णमूर्ति चीन कमिटी के रैंकिंग सदस्य हैं और हाउस इंटेलिजेंस कमिटी के भी सदस्य हैं। जयपाल प्रोग्रेसिव समूह की शक्तिशाली नेता हैं। खन्ना कई महत्वपूर्ण हाउस कमिटी के सदस्य हैं और भविष्य में राष्ट्रपति बनने की संभावना वाले नेता माने जाते हैं।
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ये छह भारतीय अमेरिकी एक अनौपचारिक समोसा कॉकस का हिस्सा हैं, जिसका नाम कृष्णमूर्ति ने रखा है। 2012 में पहली बार शपथ लेने पर डॉ. बेरा ने इच्छा जताई थी कि हाउस में 10 भारतीय अमेरिकी सांसद हों। कुछ भारतीय अमेरिकियों ने चुनावी दौड़ में हिस्सा लिया, लेकिन वे प्राइमरी या पांच नवंबर के आम चुनाव में हार गए। इनमें से कम से कम तीन महिलाएं थीं सुषिला जयपाल, भवानी पटेल और क्रिस्टल कौल।
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