बिहार की राजनीति में एक बार फिर सरगर्मी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगामी कदमों को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। जेडीयू के नेता और राज्य के सीएम नीतीश कुमार पहले भी राजनीतिक गठबंधन बदलने को लेकर चर्चा में रहे हैं, और अब एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह एनडीए गठबंधन से संबंधित कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में सिर्फ 7-8 महीने का समय बचा है, और यह राजनीतिक चर्चा तब शुरू हुई जब एक कॉन्क्लेव में गृह मंत्री अमित शाह से पूछा गया कि बिहार में बीजेपी की रणनीति क्या होगी और नेतृत्व कौन संभालेगा। इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय बीजेपी का पार्लियामेंट बोर्ड करेगा।
यह बयान चौंकाने वाला था क्योंकि इससे पहले एनडीए और बीजेपी के नेता लगातार यह कहते आ रहे थे कि बिहार में एनडीए के नेता नीतीश कुमार ही होंगे।
अमित शाह के इस बयान के बाद जेडीयू के नेताओं के बीच असमंजस और संशय की स्थिति पैदा हो गई।
Also Read: Mumbai attack mastermind Abdul Rehman Makki dies in Pakistan
नीतीश कुमार ही करेंगे एनडीए का नेतृत्व
हालांकि, अमित शाह के बयान के बाद बीजेपी की तरफ से लगातार कई बयान आए, जिनमें यह स्पष्ट किया गया कि बिहार में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे और विधानसभा चुनाव उनकी अगुवाई में लड़ा जाएगा। फिर भी, अमित शाह के बयान के बाद उठे सवालों ने जेडीयू खेमे में चिंताएं पैदा कर दी हैं।
जेडीयू के नेताओं ने इस मुद्दे पर खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी में इस बारे में चर्चा तेज हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि कुछ नेताओं को यह संदेह है कि बीजेपी अपने नेतृत्व को लेकर नए राजनीतिक समीकरण तैयार कर रही है।
जब देशभर में अटल बिहारी वाजपेयी का 100वां जन्मदिन मनाया जा रहा था, तब बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के एक बयान ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी। विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार में बीजेपी की अपनी सरकार होना अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था, और हम इसे पूरा करने में सक्षम हैं।
इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई। हालांकि, बाद में विजय सिन्हा ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण दिया और कहा कि बिहार में नेतृत्व नीतीश कुमार के पास ही रहेगा।
बावजूद इसके, उनके पहले बयान ने एनडीए गठबंधन और जेडीयू-बीजेपी के रिश्तों को लेकर सवाल उठाए।
Also Raed: रुपये में बड़ी गिरावट, 46 पैसे लुड़ककर 85.73 पर पहुंचा
एनडीए से नीतीश का पुराना रिश्ता
नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच रिश्ता अटल बिहारी वाजपेयी के दौर से काफी पुराना है। 1998 में जब एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की स्थापना हुई, तब से यह गठबंधन मौजूद है।
उस समय जेडीयू, जो पहले समता पार्टी के नाम से जानी जाती थी, बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल थी। जॉर्ज फर्नांडिस को एनडीए का संयोजक भी नियुक्त किया गया था।
Also Read: अर्जुन कपूर के नाम पर लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी, पोस्ट साझा कर फैंस को दी चेतावनी
More Stories
Srihari LR Joins Elite Club as India’s 86th Chess Grandmaster
Pakistan Urges India to Revoke Indus Waters Treaty Suspension
Cannes 2025: स्टैंडिंग ओवेशन मिला तो इमोशनल हुए टॉम क्रूज, कान समारोह में हुआ ‘मिशन इम्पॉसिबल 8’ का प्रीमियर