अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान, कांग्रेस के सदस्य गौरव गोगोई ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री को सभी दलों के नेताओं को साथ लेकर मणिपुर जाना चाहिए। यदि वे यह करते हैं, तो हम सभी उसमें शामिल होने की योजना बना सकते हैं।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ हो चुकी है। गौरव गोगोई ने कांग्रेस की ओर से चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का मतलब खेती की नहीं, बल्कि मणिपुर में न्याय की बात है। वे स्पष्ट किया कि मणिपुर अब न्याय की मांग कर रहा है, जहां बेटियां और छात्र न्याय की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? मणिपुर पर बोलने में क्यों 80 दिन लग गए? कई जगहों पर मुख्यमंत्री बदले गए, फिर मणिपुर में क्यों नहीं?
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निशिकांत दुबे ने बीजेपी की ओर से चर्चा की शुरुआत की।
उन्होंने सवाल उठाया कि मणिपुर पर राहुल गांधी क्यों बोले नहीं? सदन में राहुल गांधी तैयारी करके नहीं आए थे। उन्होंने कांग्रेस को राष्ट्रवाद की बात करने से रोका। उन्हें ऐसा लगता है कि ‘भारत माता की जय’ नारा बीजेपी का है।
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बलिदान के बारे में कांग्रेस को समझने की जरूरत नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष की एकता का परीक्षण है। वे एक दूसरे से टकरा रहे हैं, लेकिन उनके फासले में “I.N.D.I.A.” है।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर 10 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी देंगे। मोदी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा तीन दिन तक चलेगी।
इस दौरान बीजेपी के 5 मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमन, स्मृति ईरानी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और किरेन रिजीजू सहित 10 सांसदों की भागीदारी होगी।
इनमें निशिकांत दुबे, राज्यवर्ध्धन सिंह राठौड़, रमेश बिधूडी, हिना गावित शामिल हैं। निशिकांत दुबे बीजेपी की ओर से बहस की शुरुआत करेंगे। यह आने वाला पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा, जो मोदी सरकार के खिलाफ उठाया गया है।
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लोकसभा सीटों की गणना
लोकसभा सीटों की गणना कुल सीटें: 543, खाली सीटें: 4, मौजूदा संख्या: 539, बहुमत के लिए आवश्यक आंकड़ा: 271
एनडीए: 331
बीजेपी: 301, शिवसेना: 13, एलजेएसपी: 6, अपना दल: 2, एआईएडीएमके: 1, एनपीपी: 1, एनडीपीपी: 1, एमएनएफ: 1, एजेएसयू: 1, एसकेएम: 1, एनपीएफ: 1, निर्दलीय: 2।
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विपक्ष में: 143
यूपीए: 112
कांग्रेस: 51, डीएमके: 24, जेडीयू: 16, एनसीपी: 5, आईयूएमएल: 3, जेकेएनसी: 3, जेएमएम: 1, केरल कांग्रेस एम: 1, वीसीके: 1, आरएसपी: 1, शिवसेना उद्धव ठाकरे (UBT): 6, टीएमसी: 23, सपा: 3, लेफ्ट: 5, आप: 1, कुल संख्या: 143।
यूपीए के बिना विपक्ष में, लेकिन विरोध में: 18
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बीआरएस: 9, एआईएमआईएम: 2, एसएडी: 2, एआईयूडीएफ: 1, आरएलपी: 1, एसएडी एम: 1, जेडीएस: 1, निर्दलीय: 1।
तटस्थ, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ: 37 वाईएसआरसीपी: 22, बीजेडी: 12, टीडीपी: 3, कुल: 37।
वॉकआउट बीएसपी: 9
इसका मतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ एनडीए के 331 सदस्यों के साथ तटस्थ और विरोधी 37 सदस्य होंगे।
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