November 16, 2024

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Haryana's victory shapes future politics

हरियाणा की जीत से तय होगी मोदी-राहुल की सियासत

हरियाणा में लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (मोदी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के मुकाबले सीटों और मत प्रतिशत, दोनों में नुकसान का सामना करना पड़ा। खासतौर पर महाराष्ट्र में, जहां विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन का महाविकास अघाड़ी एनडीए गठबंधन के महायुति से आगे निकल गया। यह स्थिति भाजपा के लिए एक चुनौती बनकर उभरी है, क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना के साथ आने से एनडीए को एक मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ रहा है।

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महाराष्ट्र में एनडीए की मुश्किलें इसलिए भी बढ़ी हैं, क्योंकि यहां का राजनीतिक समीकरण काफी जटिल है। महाविकास अघाड़ी ने बीते कुछ चुनावों में एनडीए को कड़ी टक्कर दी है, जिससे आगामी चुनावों में एनडीए के लिए राह मुश्किल होती दिख रही है। महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का गठबंधन एक मजबूत ध्रुव बनकर उभरा है, जो भाजपा के लिए कठिन चुनौती पेश कर रहा है। इसलिए, हरियाणा के मुकाबले महाराष्ट्र में एनडीए के लिए जीत हासिल करना ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।

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महाराष्ट्र में एनडीए के लिए कठिन चुनौती

वहीं, झारखंड की स्थिति कुछ अलग है। यहां पर मुकाबला अपेक्षाकृत बराबरी का बताया जा रहा है। हालांकि, झारखंड में भी भाजपा को इंडिया गठबंधन के खिलाफ रणनीतिक रूप से मजबूती से उतरना होगा। राज्य की राजनीति में क्षेत्रीय दलों का प्रभाव भी महत्वपूर्ण है, जिससे मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। कुल मिलाकर, महाराष्ट्र और झारखंड दोनों राज्यों में भाजपा और एनडीए के लिए मुकाबला कड़ा है, लेकिन महाराष्ट्र की चुनौती कहीं ज्यादा कठिन मानी जा रही है।

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जहां विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन का महाविकास अघाड़ी एनडीए गठबंधन के महायुति से आगे निकल गया। यह स्थिति भाजपा के लिए एक चुनौती बनकर उभरी है। राज्य की राजनीति में क्षेत्रीय दलों का प्रभाव भी महत्वपूर्ण है, जिससे मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है।

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