गुरुवार को संसद भवन के ‘मकर द्वार’ के पास सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य आमने-सामने आ गए और जोरदार नारेबाजी की. इस दौरान हुई धक्का-मुक्की में पूर्व मंत्री प्रतापचंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने संसद परिसर में हुई इस धक्का-मुक्की के मामले में कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज किया. आइए जानते हैं कि किस धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है और उनसे जुड़ी सजा क्या हो सकती है.
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टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनुराग ठाकुर, बांसुरी स्वराज और हेमंग जोशी सहित भाजपा नेताओं ने घटना के बाद संसद मार्ग पुलिस स्टेशन का दौरा किया और एनडीए नेताओं और कांग्रेस के बीच टकराव के बाद शिकायत दर्ज कराई. बी आर अंबेडकर के कथित अपमान को लेकर संसद के प्रवेश द्वार पर विपक्ष और एनडीए सांसदों के बीच टकराव हुआ, जिसमें पूर्व मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए.
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अनुराग ठाकुर की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर में कई धाराएं जोड़ी
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने मामले की गहन जांच और बीएनएस की धारा 109 (हत्या का प्रयास), 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 117 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का कृत्य), 131 (आपराधिक बल का प्रयोग), 351 (आपराधिक धमकी) और 3(5) (सामान्य इरादा) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में भाजपा की शिकायत में ये सभी धाराएं शामिल कीं, जिसमें धारा 115 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 117, 125, 131 और 351 शामिल हैं. हालांकि, अधिकारियों के अनुसार, एफआईआर में बीएनएस की धारा 109 (हत्या का प्रयास) शामिल नहीं है.
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राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज FIR: विभिन्न धाराओं में सजा और जमानत के प्रावधान
धारा 115 में आरोपी को जमानत मिल सकती है, कमसे कम एक साल की सजा हो सकती है. धारा 117 में तीन साल की सजा हो सकती है, धारा 125 में सात साल की सजा, धारा 131 की खतरनाक धारा राहुल गांधी पर लगी है. यह गैर जमानतीय है. इसमें आजीवन कारावास है. दस साल की कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है. बीएनएस धारा 351 में चार उप-धाराएँ हैं. जिसकी अलग-अलग सजा का प्रावधान है.
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वहीं, BNS Section 3 (5) का मतलब है कि एक समूह (Group) में किए गए अपराध के लिए हर सदस्य को समान रूप से दोषी (Guilty) माना जाएगा चाहे उसने सीधे तौर पर अपराध किया हो या नहीं. सामूहिक आपराधिक कृत्य: अगर कई लोग मिलकर एक अपराध को अंजाम देते हैं, तो सभी लोगों को उस अपराध के लिए दोषी माना जाएगा. राहुल गांधी के खिलाफ हुई FIR की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी. क्राइम ब्रांच राहुल के खिलाफ FIR पर आगे जांच करेगी. इसमें सात साल की सजा तक प्रावधान है.
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