अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का प्रभाव दिखने लगा है। 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निष्कासन के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।
हालांकि, उन्हें सरकार के साथ अपने दस्तावेज साझा करने होंगे, ताकि उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे वास्तव में भारतीय हैं। जायसवाल के अनुसार, अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या पर फिलहाल बात करना जल्दबाजी होगी।
हालांकि, उन्हें सरकार के साथ अपने दस्तावेज साझा करने होंगे, ताकि उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे वास्तव में भारतीय हैं। ट्रंप प्रशासन के तहत, जायसवाल के अनुसार, अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या पर फिलहाल बात करना जल्दबाजी होगी।
निर्वासित किए गए 104 लोगों में से 30 पंजाब, 33-33 हरियाणा और गुजरात, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश, और दो चंडीगढ़ से हैं। हालांकि, इनकी संख्या की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
पहले आई रिपोर्टों में यह दावा किया गया था कि अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 205 अवैध अप्रवासियों को ले जा रहा था। यह अवैध भारतीय अप्रवासियों का पहला समूह है जिसे प्रशासन ने निर्वासित किया है, और ट्रंप की नीतियों के तहत यह कार्रवाई की गई है।
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अमेरिका ने सी-17 विमान से अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया, भारत सबसे दूरस्थ गंतव्य
गौरतलब है कि पिछले दो हफ्तों में भारत के अलावा अन्य देशों के अवैध प्रवासियों को भी अमेरिका से वापस भेजा गया है। सी-17 सैन्य विमान से लौटाए जा रहे इन प्रवासियों के बारे में पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार।
नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों के तहत अमेरिका अपने आव्रजन कानूनों को और सख्त कर रहा है।
ट्रंप प्रशासन ने पिछले दो हफ्तों में सैन्य विमानों का उपयोग करके ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास से कई अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया है। इस प्रक्रिया में भारत अब तक का सबसे दूरस्थ गंतव्य है।
अमेरिकी वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान टेक्सास से भारत की ओर रवाना हुआ है, और पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह विमान टेक्सास के पास एक एयरबेस से उड़ान भर चुका है।
हालांकि, विमान में सवार लोगों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। सी-17 विमान 140 लोगों को ले जा सकता है।
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अमेरिकी कार्रवाई पर भारत की चुप्पी, ट्रंप प्रशासन की सख्ती जारी
अमेरिकी कार्रवाई पर भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, और माना जा रहा है कि अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को अमृतसर या किसी पास के एयरबेस पर उतर सकता है।
हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अनुमान के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने निर्वासन के लिए भारत से अमेरिका गए लगभग 18,000 अवैध आप्रवासियों की पहचान की है।
दिलचस्प बात यह है कि भारतीयों को ले जाने वाले निर्वासन विमान पर नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने सीधे टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई का संदेश स्पष्ट है।
अवैध प्रवासन का जोखिम उठाना उचित नहीं है। यह दर्शाता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों के प्रति कोई नरमी नहीं दिखा रहे हैं।
अमेरिकी प्रशासन पिछले दो हफ्तों से लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन भारत से प्रवासियों के निर्वासन की यह पहली बड़ी कार्रवाई है।
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प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे से पहले अवैध प्रवासियों के निर्वासन पर चर्चा
यह कदम तब उठाया गया है जब लगभग एक हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा प्रस्तावित है। खबरों के अनुसार, पीएम मोदी 12-13 फरवरी को वॉशिंगटन यात्रा पर जा सकते हैं, और भारत और अमेरिका इस दौरे से संबंधित योजनाओं को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं।
भारत और अमेरिका के रिश्तों और निर्वासन पर 27 जनवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच फोन पर बातचीत हुई थी।
इसके बाद ट्रंप ने कहा था कि भारत अमेरिका से अवैध प्रवासियों के निर्वासन के मामले में ‘जो सही होगा, वही करेगा’। पिछले महीने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत अवैध आव्रजन का विरोध करता है, क्योंकि इससे कई प्रकार के संगठित अपराध जुड़े होते हैं।
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नई दिल्ली उन सभी भारतीयों को वापस लेगा, जो या तो अमेरिका में निर्धारित समय से ज्यादा वक्त से रह रहे हैं या बिना वैध दस्तावेजों के वहां हैं।
निर्वासन की खबर से पहले, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “विदेश मामलों की संसदीय समिति की बैठक के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि अमेरिका 7.25 लाख भारतीयों को अवैध मानकर वापस भेज रहा है।
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