बजट: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट से सरकार का इरादा है कि वह लोगों को लुभाने वाली घोषणाओं से बचेगी और राजकोषीय मजबूती पर ध्यान देगी, इस पर अर्थशास्त्रियों की राय है. हालांकि, यह भी उनकी राय है कि पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग के बीच, न्यू पेंशन सिस्टम या एनपीएस को भी आकर्षक बनाए जाने का प्रयास हो सकता है. इसके साथ ही, महिलाओं के लिए कुछ विशेष टैक्स छूटों की भी आशा की जा रही है.
इस संदर्भ में, चुनावी वर्ष में स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि में वृद्धि करके सैलरीड और मध्यम वर्ग को कुछ राहत मिलने की संभावना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2024-25 का अंतरिम बजट संसद में प्रस्तुत करेंगी, जो उनका छठा बजट होगा.
बजट पर डॉ. एन.आर. भानुमूर्ति की टिप्पणी:
डॉ. बीआर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एन आर भानुमूर्ति ने इशारा किया है कि आगामी अंतरिम बजट में स्थानीय लुभावने का सिलसिला होने की संभावना कम है, क्योंकि पहले से ही प्रधानमंत्री ने गरीब कल्याण अन्न योजना जैसे कुछ उपायों की घोषणा की हैं, जिनके आने वाले वर्षों में भी जारी रहने की संभावना है. उन्होंने बताया कि हालांकि ऐसी आशा है कि कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना पर हो रहे राजनीतिक विवादों को देखते हुए, सरकार बजट में नई पेंशन व्यवस्था यानी एनपीएस को आकर्षक बनाने के लिए कुछ घोषणाएं कर सकती है.
देश भर में पुरानी पेंशन लागू करने की मांग
पंजाब, राजस्थान, और अन्य कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। वहीं, दूसरे राज्यों और केंद्रीय कर्मचारी भी पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग कर रहे हैं. इस पर ध्यान देते हुए, सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की समीक्षा के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में पिछले साल अप्रैल में समिति बनाई थी. इस महीने के अंत में, समिति संभावत: अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.उन्होंने यह बताया कि टैक्स सिस्टम और संरचना में बार-बार परिवर्तन से कंप्लायंस पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए, मुझे इनकम टैक्स सिस्टम में किसी भी प्रकार के परिवर्तन की उम्मीद नहीं है.
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