बिजनौर से सांसद, मलूक नागर ने बसपा से अपना इस्तीफा दे दिया . लोकसभा चुनाव से पहले बसपा के अग्रणी, मायावती को एक बड़ा झटका प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि वे 18 साल से इस पार्टी में थे, पर अब वे देश और जनता की सेवा करने की सोच रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर से सांसद, मलूक नागर ने बसपा से अपना इस्तीफा दिया
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले, बसपा के नेता मायावती को एक बड़ा झटका मिला है. उत्तर प्रदेश के बिजनौर से सांसद, मलूक नागर ने बसपा से अपना इस्तीफा दे दिया है. मलूक नागर ने यह वजह दी कि वह घर पर नहीं बैठ सकते, और वे अब देश और लोगों के लिए काम करना चाहते हैं. उन्होंने अपने इस्तीफे के माध्यम से दोहराया कि अब उनका लक्ष्य देश और जनता की सेवा करना है.
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मलूक नागर ने कहा, “मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मैं घर पर नहीं बैठ सकता. मैं इस पार्टी में 18 साल से हूं. मैं देश और जनता के लिए काम करना चाहता हूं. बीएसपी में यह इतिहास रहा है कि एक कार्यकाल के बाद या तो आपको पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा या फिर पार्टी आपको घर बैठा देगी.
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नागर को टिकट न मिलने पर थे नाराज
बता दें कि इस बार बसपा चीफ मायावती ने मलूक नागर को टिकट दिया है, जबकि नागर की जगह बीएसपी ने विजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है. जानकारों का कहना है कि नागर को टिकट न मिलने पर वे नाराज थे. इसके बाद ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी. नागर को बसपा के कद्दावर नेताओं में गिनती किया जाता था और उन्हें मायावती का खास भी माना जाता था.
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नागर ने 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर मेरठ से प्रतिस्पर्धा की थी, लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. 2014 में उन्होंने बिजनौर से संसदीय चुनाव लड़ा, लेकिन फिर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें बिजनौर से जीत मिली थी. इस बार भी उन्हें यहां से टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने उनकी उम्मीदों को धो डाला. पार्टी ने इस बार यहां से विजेंद्र सिंह को टिकट दे दिया, जिससे नागर नाखुश थे.
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