तमिलनाडु: सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. चंद्रू की अध्यक्षता वाली समिति ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को 610 पन्नों की रिपोर्ट प्रस्तुत की है. इस रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की है कि स्कूल और कॉलेजों की कक्षाओं में छात्रों को वर्णमाला क्रम के अनुसार बैठाया जाए.
तमिलनाडु में अब छात्र को अपने नाम के साथ जाति जोड़ने की भी अनुमति नहीं होगी
इसके अलावा, सरकारी और निजी स्कूलों से जाति संबंधी पदनामों को हटाने और छात्रों के उपस्थिति रिकार्ड से जाति-संबंधी विवरण को हटाने का भी सुझाव दिया गया है.
Also Read: कनाडाई संसद में आतंकी निज्जर के लिए मौन: हत्या को एक साल हुआ
तमिलनाडु में अब छात्र तिलक लगाकर और हाथ में बैंड पहनकर स्कूल नहीं जा सकेंगे. किसी छात्र को अपने नाम के साथ जाति जोड़ने की भी अनुमति नहीं होगी. अगर कोई छात्र ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सरकार इन नियमों को जल्द ही लागू करने वाली है.
Also Read: पेरिस ओलंपिक से पहले नीरज चोपड़ा ने फिनलैंड में पावो नूरमी गेम्स में जीता गोल्ड मेडल
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन राज्य के स्कूलों में जाति विवाद को रोकने के लिए सख्त नियम बना रहे हैं, और इसके लिए सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं. इस संबंध में एक वर्ष पहले गठित समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट पूरी कर ली है.
सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. चंद्रू की अध्यक्षता वाली समिति ने मुख्यमंत्री स्टालिन को 610 पन्नों की रिपोर्ट प्रस्तुत की है
तमिलनाडु में साल 2023 में मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. चंद्रू की अध्यक्षता में गठित समिति ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की हैं.
यह समिति पिछले वर्ष अगस्त में नांगुनेरी, तिरुनेलवेली के एक स्कूल में अनुसूचित जाति समुदाय के भाई-बहन पर दूसरी जाति के छात्रों द्वारा किए गए हमले के बाद बनाई गई थी. समिति का उद्देश्य इस घटना के समाधान के लिए योजना बनाना था, और अब उन्होंने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है.
Also Read: पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार को झटका दिया, EBC, SC और ST के 65% आरक्षण को किया खत्म
राज्य सरकार की समिति ने जाति भेदभाव को खत्म करने के लिए कई सुझाव दिए हैं. समिति ने स्कूल परिसर में छात्रों के जाति सूचक कलाई बैंड, अंगूठी, और तिलक लगाने पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है. साथ ही, जाति से संबंधित चित्रों वाली साइकिलों पर प्रतिबंध की सिफारिश की है.
Also Read: अहमदनगर: बीजेपी उम्मीदवार ने EVM माइक्रोकंट्रोलर की जांच की मांग की
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि छात्र इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए और उनके माता-पिता या अभिभावकों को सूचित किया जाए. इसके अलावा, रिपोर्ट में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के कर्मचारियों और शिक्षकों का समय-समय पर स्थानांतरण करने का प्रस्ताव भी शामिल है.
Also Read: What is the Trainee Identification Number (TID)? Exploring Its Significance
More Stories
पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर गंभीर आरोप के बाद जारी हुआ अरेस्ट वारंट
Gujarat Shocker: Woman Claims Nerve Damage After Doctor Operates on Wrong Leg
Indian-Origin Immigrant Jailed for 5 Years in UK Wickes Assault Case