पूरे देश के मार्गदर्शक एवं युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने वाले देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी का आज सुबह दो बजे निधन हो गया। उन्होंने इस दुनिया को छोड़ने से पहले ही अपनी अंतिम इच्छा मतदान करके पूरी की। उन्हें एहसास हो गया था कि अब इस दुनिया को छोडकर जाना है तभी उन्होंने प्रशासन से मांग की थी कि दो नंवबर को घर से ही मतदान करेंगे।
इससे जब प्रशासन ने उनसे पूछा कि आप कहां से मतदान करेंगे तब उन्होंने कहा था हर बार की तरह इस बार भी कल्पा प्राथमिक पाठशाला पोलिंग बूथ से ही मतदान करूंगा, लेकिन तबीयत ठीक न होने पर उन्हें लगा कि अब इस दुनिया से विदा लेना है। इसलिए उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की कि अब वे अपने घर से ही मतदान करेंगे। उन्होंने अंतिम बार इस विधानसभा में मतदान करके पूरे देश और किन्नौर के मतदाताओं को एक संदेश दिया है।
नेगी के मतदान का सफर
सन् 1917 में जन्मे नेगी ने 1951 से लेकर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया है। 2014 से हिमाचल के चुनाव आइकन भी हैं। नेगी ने 1951 से हर चुनाव में मतदान किया। प्रथम मतदाता ने पहली बार घर के प्रांगण में बने डाक बूथ में एक लिफाफे में बंद कर मतपेटी में डाल दिया था। सरण नेगी न केवल हिमाचल, बल्कि देश के आइकन रहे। 106 वर्ष की आयु होने के बाद भी मतदान करने के प्रति उनका जज्बा इस बात का प्रमाण है कि लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में एक-एक मत की कितनी महत्ता है।
गौरतलब है कि पहले नेगी ने कहा था कि वह मतदान केंद्र में जाकर मतदान करेंगे, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते घर से ही वोट डालना पड़ा। 34वीं बार मतदान करने वाले नेगी ने पहली बार बुधवार को डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डाला। जुलाई 1917 में जन्मे नेगी ने 1951 से लेकर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया है। 2014 से हिमाचल के चुनाव आइकन भी हैं। नेगी ने 1951 से हर चुनाव में मतदान किया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने भी शतायु वोटर श्याम सरन नेगी को मतदान करने पर बधाई दी।
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