राजस्थान के कोटा में पढ़ाई करने आई एक छात्रा, बागिशा तिवारी ने नवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. मध्य प्रदेश के रीवा की निवासी बागिशा कोटा में एक कोचिंग संस्थान में नीट-यूजी की तैयारी कर रही थी. बागिशा अपने भाई और मां के साथ जवाहर नगर इलाके में रहती थी. आत्महत्या के बाद बागिशा के शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. पुलिस के अनुसार, बागिशा नीट की परीक्षा के परिणाम आने के बाद से तनाव में थी. घटना के समय, एक महिला ने बागिशा को रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं रुकी और छलांग लगा दी.
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कोटा में छात्रों की आत्महत्या: लगातार बढ़ती घटनाएं और प्रशासन के प्रयास विफल
कोटा में छात्रों की आत्महत्याओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले पांच महीनों में दस छात्रों ने आत्महत्या की है. अप्रैल में भी एक छात्र ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी और सुसाइड नोट में लिखा था, ‘सॉरी पापा मुझसे नहीं हो पाएगा’. कोटा में कई छात्र उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन न कर पाने के कारण आत्महत्या कर लेते हैं. प्रशासन ने इसे रोकने के लिए हर हॉस्टल के कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाने के निर्देश दिए हैं और अन्य प्रयास भी किए जा रहे हैं, लेकिन ये कदम अभी तक प्रभावी साबित नहीं हो रहे हैं.
बागिशा के परिवार में उसके भाई का भी जिक्र है जो 12वीं कक्षा में पढ़ता है और जेईई की तैयारी कर रहा है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने मंगलवार को नीट यूजी के परिणाम घोषित किए थे, जिसके बाद से बागिशा तनाव में थी. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और आत्महत्या के पीछे के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है. यह घटना कोटा में बढ़ते तनाव और छात्रों पर पड़ने वाले दबाव को उजागर करती है, जो उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर कर देता है.
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