September 20, 2024

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Republic Day

26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस, जानें इसका दिलचस्प इतिहास

हर साल 26 जनवरी को देश गणतंत्र दिवस मनाकर अपने लोकतंत्र का जश्न मनाता है। यह दिन भारतीय लोगों की लोकतांत्रिक रूप से अपनी सरकार चुनने की शक्ति को चिह्नित करता है। वार्षिक परेड गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य आकर्षण है, और यह नई दिल्ली में राजपथ (जिसे पहले कावज्यपथ के नाम से जाना जाता था) में होता है। भारतीय राष्ट्रपति इस दिन राजपथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, और कार्यक्रम के दौरान देश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाता है। भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना भी इस दिन कुछ मौत को मात देने वाले करतब दिखाती हैं।

26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस?

जब अंग्रेजों से देश को 15 अगस्त 1947 में आजादी मिली थी, तब तीन साल बाद देश में भारत का संविधान लागू किया गया था यानी 1950 में संविधान लागू किया गया था। भारत में 26 जनवरी 1950 को देश भर में प्रथम गणतंत्र दिवस मनाया गया था। भारतीय संविधान भी इसी दिन लागू हुआ था। डॉ. भीम राव अंबेडकर ने संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी की अध्‍यक्षता की थी। 26 जनवरी 1950 को ही देश को पूर्ण रूप से गणतंत्र यानी गणराज्य घोषित किया गया था। इससे एक साल पहले 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने देश के संविधान को भी अपनाया था। गणतंत्र दिवस इसलिए भी 26 जनवरी को मनाते हैं, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1930 में भारतीय नेशनल कांग्रेस ने देश को पूर्ण रूप से आजाद होने की घोषणा की थी। पूर्ण स्वराज घोषित करने की तिथि 26 जनवरी 1930 को काफी महत्वपूर्ण माना गया और इसलिए 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया, जिसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में घोषित किया गया और इस दिन को मनाया किया जाने लगा।

Republic day

इस दिन, भारतीय राष्ट्रपति देश के योग्य नागरिकों को पद्म पुरस्कारों की घोषणा करते हैं। वीर सैनिकों को परमवीर चक्र, वीर चक्र और अशोक चक्र से भी सम्मानित किया जाता है। गणतंत्र दिवस परेड का लाइव वेबकास्ट उन लाखों लोगों के लिए भी उपलब्ध कराया गया है जो इंटरनेट या टीवी पर परेड देखना चाहते हैं।