इस समय देश भर में वंदे भारत ट्रेन इंडियन रेलवे चलाते हैं। ट्रेन (Vande Bharat) को लेकर अब एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। ट्रेन को कुछ समय पहले रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था।
अब यात्री वंदे भारत ट्रेन में लेटकर सफर कर सकेंगे। वंदे भारत में स्लीपर कोच से सजी ट्रेनें जून 2025 से टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) के उत्तरपाड़ा संयंत्र में निर्मित होंगी।
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वंदे भारत में बनाए जाएंगे 80 सेट
टीआरएसएल (TRSL) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि रेलवे ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के 80 सेट बनाने का काम बीएचईएल के साथ गठजोड़ को सौंप दिया है।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन अभी तक चल रही ट्रेन से अलग होगी। इसमें बैठने वाली सीटों की जगह यात्रियों के सोने के लिए सुविधाजनक सीटें दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि गठजोड़ ही इस ट्रेन के 50 से 55 प्रतिशत कलपुर्जों को बनाएगा। TRSA इस गठजोड़ में 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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रेलवे से मिलने वाले इस ठेके में टीआरएसएल की हिस्सेदारी करीब 12,716 करोड़ रुपये है, कम्पनी के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी ने बताया। उनका दावा था कि इस समझौते को छह वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा।
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चौधरी ने कहा कि उत्तरपाड़ा संयंत्र में आवश्यक ढांचा बनाने का काम शुरू हो गया है और स्लीपर ट्रेन का वाणिज्यिक उत्पादन जून, 2025 से शुरू होगा। इसके लिए अलग से 650 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। ट्रेन का पहला मॉडल दो साल के भीतर बनाया जाएगा, उन्होंने कहा। पहली आठ ट्रेनें पूरी तरह उत्तरपाड़ा संयंत्र में बनाई जाएंगी, जबकि बाकी ट्रेनें रेलवे के चेन्नई संयंत्र में असेंबल की जाएंगी।
160 km/h की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन स्लीपर ट्रेन को ऐसा बनाया जाएगा कि वह 160 km/h की रफ्तार से दौड़ेगी। उसमें 16 डिब्बे होंगे, जिसमें 887 यात्री मिलकर यात्रा कर सकेंगे। चौधरी ने कहा कि रेल विकास निगम लिमिटेड और रूसी कंपनी टीएमएच 120 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की आपूर्ति करेंगे।
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