उत्तराखंड के सिलक्यारा में 41 दिनों से सुरंग में फंसे मजदूरों के बाहर आने से हर तरफ खुशी का माहौल है। मजदूरों के घरों में दीपावली का आनंद हो रहा है। इन सभी घटनाओं के बीच, झारखंड के पूर्वी सहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के बांकीसोल गांव में निवासी श्रमिक भुक्तू मुर्मू के 70 वर्षीय पिता बासेत मुर्मू का मंगलवार को निधन हो गया है।
बासेत मुर्मु 17 दिनों से अपने पुत्र समेत टनल में फंसे भी मजदूरों के निकलने का इंतजार कर रहे थे। इस क्रम में वह बचवा अभियान पर लगातार नजर बनाए हुए थे।
Also Read: Unlocking the Path to Weight Loss: A 5-Step Ritual to Torch Calories
बेटे से बिना मिले विदा हो गए पिता
मंगलवार को मजदूरों के बाहर आने की खुशखबरी भी आई, लेकिन इससे पहले ही बासेत मुर्मु की सांसें थम गईं और बेटे को देखने की इच्छा लिए वह दुनिया से विदा हो गए।
Also Read: A Guide to Identifying Your Area of Interest
बताया जाता है कि मंगलवार सुबह आठ बजे बासेत मुर्मू अचानक जमीन पर गिर पड़े और थोड़ी ही देर में उनकी मौत हो गई। बेटे के पहुंचने में हो रही देर को देखते हुए परिवार के अन्य सदस्यों ने बुधवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
Also Read: NASA warns solar storm may hit Earth on November 30
मजदूरों को मिलेगी 1 लाख की आर्थिक राशि
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने मजदूरों को 1 लाख की सहायता राशि देने का फैसला किया है। यह आर्थिक सहायता मजदूरों को कल दी जाएगी। साथ ही सीएम ने NHIDCL से कहा कि इन मजदूरों के लिए उचित व्यवस्था की जाए।
CM धामी ने जानकारी दी कि हमने तय किया है कि अब उस सुरंग के बाहर बाबा बौखनाग का मंदिर बनाया जाएगा।
Also Read: Randeep Hooda, Lin Laishram share first official wedding pics
More Stories
Army Chief Reaffirms Two-Nation Theory
Ranveer Allahbadia on What He Lost in ‘India’s Got Latent’ Row
Samwad 2025 बुंदेलखंड में भी दिखा यूपी का असाधारण बदलाव माहेश्वरी