उत्तराखंड की उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार पूरा देश कर रहा है, लेकिन रेस्क्यू में आ रही दिक्कत से सभी की सांसें अटकी हुई हैं। कभी सरिया तो कभी पत्थर उन तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं।
बंगलूरू की स्क्वाड्रोन इंफ्रा के छह टनलिंग-माइनिंग विशेषज्ञ इंजीनियर की टीम ने सुरंग में पहुंचकर आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से भीतर के हालात बताए, जिससे अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में काफी मदद मिली। बीआरओ के डीडीजी ब्रिगेडियर विशाल वर्मा ने मलबे के भीतर ड्रिल में आ रही दुश्वारियों के बीच बंगलूरू की स्क्वाड्रोन इंफ्रा एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की मदद ली।
Also Read: Qatar Accepts India’s Appeal Against Death Penalty To 8 Navy Veterans
रात तक मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद
उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि अभी स्थिति काफी ठीक है। कल रात हमें दो चीज़ों पर काम करना था। सबसे पहले, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म का पुनर्गठन कर दिया और इसके बाद पाइप पर जो थोड़ा दबाव था उसे काटने का काम चल रहा है। ये पूरा हो जाने के बाद हमने ऑगर ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार से जो अध्ययन किया है उसे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक कोई धातु अवरोध नहीं है। इस हिसाब से अगर ड्रिल मशीन ठीक चली तो पाइप सुरंग में फंसे मजदूरों के बेहद करीब पहुंच जाएगा। आज रात तक उनके बाहर आने की उम्मीद है।
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। कोई अड़चन नहीं आई तो आज एस्केप टनल बनाने का काम पूरा हो जाएगा।
Also Read: अब Google Pay से मोबाइल रिचार्ज पर देना होगा एक्स्ट्रा चार्ज
More Stories
Shukla in Final Space Mission Isolation
UP News: अयोध्या, वृंदावन और काशी में लागू होगा अत्याधुनिक फेस रिकग्निशन सिस्टम, चेहरा पहचानना होगा आसान
IPL 2025: पंजाब टॉप-2 में, RCB की प्लेऑफ राह में लखनऊ रोड़ा