वैश्विक स्तर पर मंदी की वजह से आगामी वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार के सामने घरेलू मांग और रोजगार को बनाए रखने की बड़ी चुनौती होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कारण सरकार आगामी बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के लिए कम से कम 25 फीसद अधिक राशि का प्रविधान कर सकती है।
आगामी एक फरवरी को बजट पेश किया जाएगा। बजट में रोजगार सृजन को जारी रखने के लिए पर्यटन, होटल इंडस्ट्री जैसे सेवा सेक्टर के प्रोत्साहन के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जा सकते हैं 10 लाख करोड़ रुपए
चालू वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश का आवंटन किया जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 35.4 फीसद अधिक था।इससे इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के साथ रोजगार भी निकलेगा और अर्थव्यवस्था में मांग जारी रखने में भी मदद मिलेगी। विश्व व्यापार संगठन से लेकर कई रिसर्च एजेंसियां 2023 में वैश्विक व्यापार में वर्ष 2022 के मुकाबले कमी आने का अनुमान जाहिर कर चुकी हैं।
आईटी सेक्टर में रोजगार में कमी की आशंका जाहिर की जा रही है
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) ने इस कोष की शुरुआत पिछले वित्त वर्ष में होने वाले निर्यात की 0.5 फीसद राशि से करने की मांग वित्त मंत्रालय से की है।आईटी सेक्टर में रोजगार में कमी की आशंका जाहिर की जा रही है क्योंकि वैश्विक मंदी से उनके ऑर्डर में कमी आ सकती है। इसलिए पर्यटन, होटल, रेस्टोरेंट जैसे अन्य सेवा सेक्टर के प्रोत्साहन से जुड़ी स्कीम भी बजट में आ सकती है।
More Stories
NEP Row Pradhan Urges Stalin to Rise Above Politics
Powerlifter Yashtika Acharya, 17, Dies in Training Accident
संभल हिंसा: 208 आरोपियों के खिलाफ 4175 पन्नों की चार्जशीट दाखिल