अयोध्या: नव, भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के उद्धाटन के आगे का निर्माण कार्य जोरो शोरों से तो जारी है। अब यहां पर ‘मंदिरों का संग्रहालय’ भी बनाया जाएगा। रामनगरी में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के पैसे से देश का पहला मंदिर संग्रहालय बनेगा, जिसमें पूरे देश की मंदिर परंपरा और इतिहास की झलक दिखेगी। बीते मंगलवार को लखनऊ में सूबे के विकास के लिए सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। इसमें कई प्रस्तावों को मूंजरी प्रदान की गई, जिसमें 650 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या में बनने जा रहे ‘मंदिरों का संग्रहालय’ का भी प्रस्ताव शामिल था। इस संग्रहालय का निर्माण टाटा संस करवाएगा।
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अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय के लिए टाटा कंपनी को 90 साल के पट्टे पर जमीन उपलब्ध कराएगी यूपी सरकार
इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए यूपी सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग टाटा कंपनी को अंतरराष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय के लिए 90 साल के पट्टे पर मात्र एक रुपये की टोकन मनी पर जमीन उपलब्ध कराएगा। टाटा संस ने केंद्र सरकार के माध्यम से इस परियोजना का प्रस्ताव रखा था, जिसमें अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कोष के तहत 650 करोड़ रुपये की लागत से संग्रहालय बनाने की पेशकश की गई थी।
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अयोध्या में विकास कार्यों के लिए टाटा का अतिरिक्त निवेश मंजूर
पर्यटन मंत्री ने आगे कहा कि कैबिनेट ने मंदिर नगरी में अन्य विकास कार्यों के लिए कंपनी के 100 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। टाटा संस प्रमुख निवेश होल्डिंग कंपनी है और टाटा कंपनियों की प्रमोटर है। मंदिरों के संग्रहाल में पूरे देशभर के प्रमुख वैष्णव परंपराओं के मंदिरा के स्थापत्य, इतिहास व उनकी पंरपराओं को दर्शाया जाएगा। उन्होंने बताया कि योगी कैबिनेट ने अयोध्या में एक और वीवीआईपी गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए भी राज्य संपत्ति विभाग को पर्यटन विभाग की जमीन नि:शुल्क उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
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निष्क्रिय विरासत भवनों को पर्यटन स्थल में बदलने की योजना मंजूर
अन्य फैसलों की बात करें तो सरकार अब राज्य के निष्क्रिय विरासत भवनों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित का फैसला लिया है। पर्यटन मंत्री ने बताया योगी कैबिनेट में इस पर मंजूरी दे दी है। तीन ऐसी विरासत इमारतों- लखनऊ में कोठी रोशन दूल्हा, मथुरा में बरसाना जल महल और कानपुर में शुक्ला तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए चुना गया है। इस उद्देश्य के लिए मुख्यमंत्री पर्यटन फेलोशिप कार्यक्रम के तहत शोधकर्ताओं का चयन किया जाएगा।
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