November 26, 2024

News , Article

17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में शिरकत करने वाले हैं पीएम मोदी, साथ ही स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे

मालवा में प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन का आज दूसरा दिन है। सम्मेलन को 17वां प्रवासी भारतीय दिवस कहा जाता है, और यह देश की प्रगति में मदद करने के बारे में है। रविवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसका उद्घाटन किया। आज प्रधानमंत्री सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं. सम्मेलन का विषय “प्रवासी: भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार” है। इसका मतलब यह है कि दुनिया भर के तमाम लोग भारत की तरक्की में शामिल हो रहे हैं।

PM मोदी ने किया ट्वीट

देखिए, प्रधानमंत्री मोदी 9 जनवरी को भारतीय प्रवासी नागरिकों, या “प्रवासी भारतीय दिवस” ​​मनाने के लिए एक विशेष सम्मेलन करने जा रहे हैं। यह इन लोगों के साथ संबंधों को मजबूत करने का एक शानदार मौका है, जिन्होंने दुनिया में वाकई अच्छा काम किया है।

‘गो सेफ..गो ट्रेन्ड’ कैंपेन के तहत डाक टिकट होगा जारी

पीएम मोदी आज प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। गुयाना के राष्ट्रपति, मोहम्मद इरफ़ान अली, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होने वाले हैं, जबकि सूरीनाम के राष्ट्रपति, चंद्रिकाप्रसाद संतोखी, विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री आज सम्मेलन का औपचारिक रूप से उद्घाटन करने के लिए प्रवासी भारतीयों का स्वागत करेंगे और विदेश मंत्रालय के ‘गो सेफ… गो ट्रेंड’ अभियान के तहत एक डाक टिकट जारी करेंगे। साथ ही पहली बार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासियों के योगदान पर एक डिजिटल प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जाएगा.

11 जनवरी से ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन

वहीं, आपको बता दें कि G20 की भारत की अध्यक्षता को लेकर आज एक विशेष टाउन हॉल भी आयोजित किया जाएगा। 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कार्यक्रम के समापन समारोह में हिस्सा लेंगी। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के अगले दिन 11 जनवरी से ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। दोनों आयोजन 8 से 12 जनवरी तक होंगे। सम्मेलन में भाग लेने के लिए लगभग 70 देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी सदस्यों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। ग्लोबल इन्वेसटर्स समिट में  70 प्रमुख उद्योगपति, 450 विशिष्ट उद्योगपति और 3000 अन्य डेलिगेट्स शामिल हो रहे हैं जबकि 10 देश पार्टनर कंट्री बने हैं। वहीं, कार्यक्रम में 2 देशों के राष्ट्रपति 4 देशों के मंत्री, 10 बड़े प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहे हैं।