October 5, 2024

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मोदी सरकार फिर बेचेगी सस्ता सोना

मोदी सरकार एक बार फिर सर्राफा बाजार से 24 कैरेट सोना बेचने जा रही है, जो सस्ता है और अच्छी कमाई देता है। इस सोने को चोर न चुरा सकते हैं और न कहीं खो सकते हैं। हम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बात कर रहे हैं।

बजाय शारीरिक सोने के, सोना निवेशक को सर्टिफिकेट मिलता है। दिसंबर और फरवरी में पहली बार के निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड खरीदने का मौका फिर मिलेगा, जो 128 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न देगा। आरबीआई दिसंबर और फरवरी में दो नई गोल्ड बॉन्ड जारी करेगा। बिक्री के दिन इनका मूल्य निर्धारित होगा। इस बारे में वित्त मंत्रालय ने सूचना दी है।

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महीने की 18 से 22 दिसंबर को खुलेगी

वित्त मंत्रालय ने बताया कि गोल्ड बॉन्ड योजना 2022–2023 का तीसरा चरण इस महीने 18 से 22 दिसंबर को शुरू होगा। वहीं चौथी किस्त के लिए 12 फरवरी से 16 फरवरी तक निवेश करने का अवसर मिलेगा। इससे पहले, वित्त वर्ष 2022–2023 के लिए पहली किस्त 19 जून से 23 जून और दूसरी किस्त 11 से 15 सितंबर के बीच बेची गई थी। नवंबर 2015 में गोल्ड बॉन्ड की बिक्री पहली बार शुरू की गई, क्योंकि यह परंपरागत सोने की मांग को कम करने और घरेलू बचत का एक उपाय था।

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ऑफलाइन और ऑनलाइन खरीदारी के विकल्पों में से एक: गोल्ड बॉन्ड में निवेश ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। नामित बैंक शाखाओं में निवेश करना चाहिए अगर कोई ऑनलाइन निवेश करना चाहता है तो उसे नामित बैंक शाखाओं में जाकर फार्म भरना होगा और सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।

इसके अलावा, ऑनलाइन निवेश करना चाहने वालों को भारतीय रिजर्व बैंक या अन्य बैंकों की वेबसाइटों पर गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए भी आवेदन करना होगा। 50 रुपये प्रति ग्राम ऑनलाइन या डिजिटल भुगतान पर छूट दी जाती है। यानी दस ग्राम पर पांच सौ रुपये की छूट मिलेगी।

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गोल्ड बॉन्ड खरीदने का स्थान:

आरबीआई सरकारी गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इनकी बिक्री के लिए आरबीआई ने विशिष्ट बैंकों और पोस्ट ऑफिसों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और स्टॉक एक्सचेंज एनएससी और बीएससी को अधिकृत किया है। स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से बॉन्ड खरीदने के लिए डीमैट खाता आवश्यक है।

सोना

कम से कम एक ग्राम सोना खरीदने की जरूरत है: आरबीआई का लक्ष्य-निर्देशों के अनुसार, गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए कम से कम 1 ग्राम सोना खरीदना होगा। वहीं, कोई भी व्यक्ति एक बार में अधिक 500 ग्राम तक खरीद सकता है। एक वित्त वर्ष के लिए यह सीमा अधिकतम चार किलोग्राम है। कुछ संस्थाओं के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम तक है।

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सालाना ब्याज: आप इसमें डिजिटल रूप में या दस्तावेज के रूप में निवेश कर सकते हैं। इसकी अवधि आठ वर्ष है। लेकिन पांच वर्ष पूरा होने पर इसमें से धन निकालने का अधिकार है। सरकारी गोल्ड बॉन्ड पर प्रति वर्ष २.५% का ब्याज मिलता है। यह प्रति सप्ताह भुगतान किया जाता है। गोल्ड बॉन्ड से मिलने वाले ब्याज पर कर लगता है, लेकिन इन बॉन्ड को भुनाने से होने वाले पूंजीगत लाभ पर कर नहीं लगता।

गोल्ड बॉन्ड ने पहले 128 प्रतिशत की कमाई की: 30 नवंबर 2015 को पहला सरकारी गोल्ड बॉन्ड जारी किया गया था। उस वक्त प्रति ग्राम की कीमत 2,684 रुपये थी। 30 नवंबर 2023 को आठ वर्ष पूरे हुए। आरबीआई ने समाप्ति अवधि की कीमत 6,132 रुपये प्रति ग्राम तय की थी। यानी पहले बॉन्ड में निवेश करने वालों को 128.46 फीसदी का रिटर्न मिला है।

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