पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने को लेकर केंद्र सरकार जल्द ही निर्णय ले सकती है। उनके स्मारक के लिए जिन स्थानों पर विचार किया जा रहा है, उनमें एक स्थान किसान घाट के पास है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर भी चर्चा की जा रही है, जहां देश के राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार किया जाता है। कांग्रेस ने सरकार से इस मामले में शीघ्र निर्णय लेने की अपील की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक अगले कुछ दिनों में सरकार इस पर फैसला ले सकती है। मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हो गया। 28 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया। रविवार को उनकी अस्थियां यमुना के तट पर स्थित घाट पर विसर्जित कर दी गई हैं। मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी बयान सामने आया था। उन्होंने कहा कि केंद्र ने मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने का फैसला किया है और उनके परिवार को इसके बारे में जानकारी दी गई है।
2000 में केंद्र ने लिया था फैसला
2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने फैसला लिया था कि पूर्व राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों के निधन के बाद कोई स्मारक नहीं बनाया जाएगा। मौजूदा समय में राजघाट परिसर में और उसके आसपास 18 स्मारक हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और उप प्रधानमंत्रियों के स्मारक शामिल हैं। हालांकि इसमें दो अपवाद के रूप में संजय गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की दिवंगत पत्नी ललिता शास्त्री के स्मारक भी मौजूद हैं।
दिल्ली में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों के लिए अलग-अलग स्मारक बनाए गए। जिनमें राजघाट, शांति वन, शक्ति स्थल, वीर भूमि, एकता स्थल, समता स्थल और किसान घाट शामिल हैं। यह 245 एकड़ से अधिक प्रमुख भूमि पर फैले हैं। स्मृति स्थल का निर्माण 2015 में पूरा हुआ और पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव यहां समाधि पाने वाले पहले व्यक्ति थे। हालांकि उनके परिवार को भी इसका इंतजार करने में 10 साल लग गए।
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