उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैद कानून मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। दोनों व्यक्ति भ्रष्टाचार के आरोपी हैं और वर्तमान में जेल में हैं। उनके इस्तीफे के बाद बीजेपी ने आप सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल को भी इस्तीफा देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में अभी कोई नया मंत्री नहीं बनेगा। सिसोदिया के कुछ विभाग राजकुमार आनंद और कुछ कैलाश गहलोत को दिए जाएंगे। बता दें कि सीबीआई ने साल 2021-22 के लिए शराब नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रविवार शाम गिरफ्तार किया था। यह नीति अब रद्द की जा चुकी है। वहीं सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं।
भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे दोनों मंत्रियों ने आज दिल्ली सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद से मनीष सिसोदिया शिक्षा और आबकारी सहित 18 विभागों का काम संभाल रहे थे। हालाँकि, सीबीआई के अधिकांश अधिकारी सिसोदिया को गिरफ्तार करने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण ऐसा किया।
दिल्ली के डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने आज सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने कोर्ट से जमानत याचिका पर विचार करने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने विचार करने के इनकार करते हुए कहा कि सिसोदिया सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकते। उनके पास निचली अदालत और हाई कोर्ट जाने का ऑप्शन मौजूद है।
क्या है मामला?
मनीष सिसोदिया पर CBI ने आरोप लगाया है कि उन्होंने आबकारी नीति 2021-22 को बनाने और उसे लागू करने के दौरान कई गड़बड़ियां की हैं। CBI के मुताबिक सिसोदिया ने जवाब देने में सहयोग नहीं किया। वह टालमटोल तरीके से जवाब दे रहे थे। सिसोदिया पर निजी लोगों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। सीबीआई की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक CBI ने तीन तरीके के सबूत मनीष के खिलाफ जुटाए हैं.जिनमें डॉक्यूमेंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल सबूत शामिल हैं।
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