बुधवार को कोलकाता मेट्रो नदी में बनी सुरंग के जरिए कोलकाता से हावड़ा पहुंचने वाली भारत की पहली मेट्रो बन गई। यह यात्रा मेट्रो जीएम उदय कुमार रेड्डी और उनकी टीम की कड़ी मेहनत की बदौलत संभव हो पाई है, जिनका मानना है कि इस रूट पर सेवाएं इसी साल शुरू हो जाएंगी। सेवाएं शुरू होते ही हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन (सतह से 33 मीटर नीचे) बन जाएगा।
520 मीटर हुगली नदी के नीचे सुरंग
हावड़ा से एस्प्लेनेड तक का मार्ग लगभग 4.8 किमी लंबा है, जिसमें से 520 मीटर हुगली नदी के नीचे सुरंग के जरिए होगा। सुरंग पानी की सतह के स्तर से 32 मीटर नीचे है। इस सुरंग की पूरी लंबाई 10. 8 किमी अंडरग्राउंड है।
आधा किलोमीटर का सफर पानी में
नदी की नीचे मेट्रो के लिए दो सुरंगे बनाई गई हैं। यह ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का प्रमुख आकर्षण है। यात्रियों के लिए, यह अलग अनुभव होगा क्योंकि वे एक मिनट से भी कम समय में लगभग आधा किलोमीटर तक पानी के नीचे से गुजरेंगे।
चैनल टनल से गुजरने वाली लंदन और पेरिस के बीच यूरोस्टार ट्रेनों की तरह ही कोलकाता में मेट्रो की इन सुरंगों को बनाया गया है। Afcons ने अप्रैल 2017 में सुरंगों की खुदाई शुरू की और उसी वर्ष जुलाई में उन्हें पूरा किया। अब इसमें मेट्रो का ट्रायल सफर रहा है। यह भारत के लिए ऐतिहासक क्षण था।

इस घटना को शहर के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कोलकाता मेट्रो के महाप्रबंधक पी. उदय कुमार रेड्डी ने कहा कि यह तो बस शुरुआत है और इस रूट पर नियमित अंडरवाटर ट्रायल जल्द ही शुरू होगा। रेड्डी, जिन्होंने इस यात्रा को क्रांतिकारी के रूप में वर्णित किया, पहले ट्रायल रन का हिस्सा थे। उन्होंने महाकरण स्टेशन से हावड़ा मैदान स्टेशन तक यात्रा की। रेड्डी के मुताबिक, अगले सात महीने तक इस रूट पर नियमित ट्रायल रन किया जाएगा। उन्होंने कहा, इसके तुरंत बाद आम जनता के लिए नियमित सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
कोलकाता में बना फिर इतिहास
नदी सुरंग में सुरंग बनाना एक इंजीनियरिंग चमत्कार है। यह भारत में पहली बार हुआ है। जबकि दुनिया भर में यह दुर्लभ है। 1980 के दशक में भारत की पहली मेट्रो का हिस्सा कोलकाता में बना था। अब पहली बार नदी के अंदर सुरंग भी यहीं बनी है।
More Stories
PM Discusses Tesla’s India Entry with Elon Musk
Facebook Losing Relevance? ‘Worried’ Zuckerberg Breaks Silence
सीलमपुर हत्याकांड: पोस्टरों से झलकी दहशत