उत्तराखंड का जोशीमठ, चमोली जिले में 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक पहाड़ी शहर क्षेत्र में निरंतर भूमि धंसने के कारण ‘डूब’ रहा है। जिला प्रशासन के साथ केंद्र और राज्य सरकारें ‘डूबते’ शहर की स्थिति पर नजर रख रही हैं। इन सबके बीच जोशीमठ पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है। अंतरिक्ष एजेंसी की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ शहर केवल 13 दिनों की अवधि में 5.4 सेंटीमीटर डूब गया!
ISRO द्वारा जारी चौंकाने वाली सैटेलाइट तस्वीरें
इसरो ने हाल ही में अपनी उपग्रह-आधारित रिमोट सेंसिंग तकनीक के माध्यम से जोशीमठ के क्षेत्र का अध्ययन किया और खुलासा किया कि 7 अप्रैल 2022 से 9 नवंबर 2022 तक सात महीने की अवधि में क्षेत्र में -8.9 सेमी (अधिकतम) की धीमी गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, 27 दिसंबर, 2022 से 8 जनवरी, 2023 के बीच एकत्र किए गए डेटा में -5.4 सेमी (अधिकतम) की तेजी से कमी देखी गई। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) ने लंबे और कम समय के अंतराल में संभावित स्थान और भूमि धंसने की सीमा की पहचान करने के लिए उपग्रह छवियों का अध्ययन किया।
अगर इस आंकड़े को गणितीय रूप से डिकोड किया जाए तो पता चलता है कि पिछले साल 7 अप्रैल से 9 नवंबर तक जोशीमठ में भू-धंसाव की औसत दर -0.041 सेंटीमीटर/दिन थी. हालांकि, 27 दिसंबर, 2022 से 8 जनवरी, 2023 तक भूमि अवतलन की औसत दर -0.415/दिन थी, यानी इस अवधि में 7 अप्रैल से 9 नवंबर, 2022 की अवधि की तुलना में भूमि धंसने की दर 10 गुना अधिक थी, जो दर्शाता है क्षेत्र में तेजी से भू-धंसाव। एनआरएससी के मुताबिक, धंसाव का ताज जोशीमठ-औली रोड के पास 2,180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
विशेष रूप से, उत्तराखंड के चोमाली जिले के पहाड़ी शहर- जोशीमठ को कई घरों, सड़कों और अन्य इमारतों में दरारें विकसित होने के कारण लगातार भूमि धंसने के मद्देनजर ‘सिंकिंग जोन’ घोषित किया गया है। उत्तराखंड राज्य सरकार ने जोशीमठ में परिवारों को 45 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की, जहां घरों और सड़कों में बड़ी दरारें दिखाई दीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालयी राज्य में क्रमिक भूमि धंसाव से प्रभावित लगभग 3,000 परिवारों के लिए राहत पैकेज जारी किया गया है।
More Stories
Reliance Jio issued notice over noise pollution from Pune office
Arvind Kejriwal Lists 7 Demands From Centre to Aid Middle Class
Nepal sharply hikes permit fee for Everest climbers