हाल के दिनों में जम्मू सेक्टर में आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं, विशेषकर कठुआ, भद्रवाह, डोडा, रियासी, राजोरी-पुंछ और उधमपुर जिलों में। सुरक्षा बल आतंकियों की खोज में तलाशी अभियान चला रहे हैं। विधानसभा चुनावों को देखते हुए, सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए हैं, जिसमें आतंक प्रभावित क्षेत्रों में सेना की अतिरिक्त तैनाती शामिल है। भारतीय सेना पीर पंजाल के दक्षिण में सैनिकों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद, यह जम्मू-कश्मीर का पहला विधानसभा चुनाव होगा।
Also read : देश में पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें लागू, जानें अपने शहर के ताजा रेट
बुधवार को रक्षा मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक
जम्मू सेक्टर में हाल में आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं, विशेषकर कठुआ, भद्रवाह, डोडा, रियासी, राजोरी-पुंछ और उधमपुर जिलों में। सुरक्षा बल तलाशी अभियान चला रहे हैं और विधानसभा चुनावों को देखते हुए अतिरिक्त सेना तैनात की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में 67 दिनों में 17 आतंकी हमले हुए, जिनमें 18 सैनिक शहीद और 26 घायल हुए हैं, और 11 नागरिक मारे गए हैं। चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर में 5000 से अधिक सेना और बीएसएफ जवान तैनात किए गए हैं, और असम राइफल्स की 2 बटालियनें तथा बीएसएफ की दो अतिरिक्त बटालियन भी भेजी गई हैं।
Also read : 116 देशों में फैला एमपॉक्स, WHO ने घोषित की हेल्थ इमरजेंसी
2018 के बाद पहले विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे, जब पीडीपी की महबूबा मुफ्ती ने भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाई। जून 2018 में भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया, जिससे राज्यपाल शासन लागू हो गया। 2019 में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया। अब, अनुच्छेद 370 हटने के बाद, जम्मू-कश्मीर में पहला विधानसभा चुनाव होगा।
Also read :‘पेरिस में एसी नहीं होने पर किस किसने मुझे कोसा’, एथलीट्स से बात करते हुए PM मोदी ने ली चुटकी
More Stories
सुकमा में मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए, हथियार बरामद
Space, sea must foster unity, not conflict: PM Modi
शेयर बाजार: विवाद से अदाणी के शेयर टूटे, सेंसेक्स चढ़ा