इन्फोसिस ने एक चौंकाने वाले फैसले में अपने कर्मचारियों को गिग नौकरियां करने की अनुमति दे दी है। शर्त यह भी है कि कर्मचारी जिन कंपनियों में पार्टटाइम जॉब करने जा रहे हैं, उनका इन्फोसिस और उसके ग्राहकों के साथ प्रतिस्पर्धा न हो और न ही हितों के टकराव हो।मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि। कर्मचारियों को इंटरनल कम्युनिकेशन में इस बारे में विस्तार से बताया गया है। उसमें सभी बातें विस्तार से बताई गई हैं कि कर्मचारी ‘गिग’ वर्कर के रूप में कैसे काम कर सकते हैं। इंफोसिस ने ‘गिग’ वर्क को परिभाषित नहीं किया और न ही इसे ‘मूनलाइटिंग’ करार दिया.
इन्फोसिस का बड़ा फैसला
विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से कंपनी को नौकरी छोड़ने की चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सकती है। इस कदम से कर्मचारियों को कमाई का अतिरिक्त मौका मिलेगा। इसके अलावा वो कुछ नया करना चाहते हैं तो अपने तकनीकी जुनून को दूसरी कंपनी के काम में इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्यों हुआ यह बदलाव
इन्फोसिस ने यह कदम ऐसे समय में आया है जब मून लाइटिंग को लेकर चल रही बहस ने सुर्खियां बटोर ली हैं। कंपनी की दूसरी तिमाही की इनकम रिपोर्ट के दौरान, इंफोसिस ने यह स्पष्ट कर दिया था कि कंपनी मून लाइटिंग का समर्थन नहीं करती है और उसने पिछले 12 महीनों में दोहरे रोजगार में लगे कर्मचारियों को निकाल दिया है।
अब क्या है कंपनी का स्टैंड
गुरुवार को कर्मचारियों को भेजे एक एक ईमेल में इंफोसिस ने कहा कि कोई भी कर्मचारी, जो गिग वर्क करना चाहता है, वह अपने मैनेजर और बीपी-एचआर की पूर्व सहमति से और अपने पर्सनल टाइम में उन संस्थानों के लिए काम कर सकता है, जो इन्फोसिस या इन्फोसिस के ग्राहकों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करते। इन्फोसिस ने कहा है कि यह सुनिश्चित करना कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि इससे उनकी क्षमता प्रभावित नहीं होगी और इन्फोसिस के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम करते रहेंगे।
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