भारत ने परमाणु हथियारों में पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। स्वीडन के थिंक टैंक SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल भारत में 172 न्यूक्लियर वॉरहेड हैं, जबकि पाकिस्तान में 170 हैं। भारत ने बनाए गए लंबी दूरी के हथियार चीन को लक्ष्य कर सकते हैं।
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SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष भारत के पास 164 परमाणु हथियार थे। वहीं पिछले एक वर्ष में नौ देशों (अमेरिका, रूस) ने अपने हथियार के जखीरे को आधुनिक करने का प्रयास किया है। इन देशों ने परमाणु क्षमता वाले अनेक नवीनतम हथियारों को भी तैनात किया है। 2023 में, भारत और पाकिस्तान ने नए न्यूक्लियर डिलीवरी प्रणाली बनाने जारी रखा। भारत एक तरफ लंबी दूरी तक हमले में सक्षम हथियारों पर जोर दे रहा है और दूसरी तरफ पाकिस्तान से मुकाबले के लिए परमाणु हथियारों पर भी। ये चीन भर को कवर कर सकते हैं।
SIPRI रिपोर्ट: चीन के न्यूक्लियर वॉरहेड 500, पहली बार हाई अलर्ट पर रखा
SIPRI की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के न्यूक्लियर वॉरहेड पिछले एक साल में 410 से 500 हो गए हैं। इनमें बढ़ोतरी की उम्मीद है। अभी 3904 परमाणु हथियार मिसाइलें या एयरक्राफ्ट दुनिया भर में तैनात हैं। 2100 हाई अलर्ट पर हैं। अमेरिका और रूस अधिकतर ये हथियार बनाते हैं। इसके बावजूद, यह पहली बार है कि चीन ने कुछ हथियारों को हाई ऑपरेशनल अलर्ट पर रखा है। दुनिया भर में अब 12 हजार 121 परमाणु हथियार हैं।
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भारत, पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया बैलिस्टिक मिसाइलों पर परमाणु वॉरहेड तैनात करने की तैयारी में
रिपोर्ट बताती है कि भारत, पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया भी अपनी बैलिस्टिक मिसाइलों पर परमाणु वॉरहेड तैनात करने की तैयारी में हैं। SIPRI ने बताया कि रूस और अमेरिका दुनिया के 90% परमाणु हथियार रखते हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें बहुत अधिक सुधार नहीं हुआ है। स्वीडिश थिंक टैंक के सीनियर फेलो हैन्स क्रिसटेंनसन ने बताया कि अभी चीन सबसे तेजी से एटमी हथियार बना रहा है।
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रूस-यूक्रेन जंग के बाद परमाणु हथियारों पर पारदर्शिता घटी, UNSC सदस्यों ने 2021 में की थी कमी की वादा
SIPRI के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से परमाणु हथियारों की जानकारी देने में पारदर्शिता कम हुई है। UNSC के सदस्य देशों ने 2021 में परमाणु हथियारों को कम करने का वादा किया। उन्होंने दावा किया कि परमाणु युद्ध कभी नहीं जीता जा सकता। अब ये हथियार हाईअलर्ट पर हैं, इसलिए कभी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
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