भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से विकसित हो रही है. 2024 में इसकी विकास दर का अनुमान 6.2 प्रतिशत तक है. भारत ने आर्थिक दृष्टिकोण से अमेरिका, चीन, जापान, और जर्मनी को पीछे छोड़ दिया है. विश्व की दो मुख्य आर्थिक शक्तियों, जापान और यूरोप, इन दिनों मंदी का सामना कर रही हैं, जो कोरोना महामारी के बाद वित्तीय संकटों का सामना कर रहे हैं.
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जापान भी कभी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर था, लेकिन कोरोना महामारी के बाद यहां की वित्तीय व्यवस्था भी चरमरा गई, और यह उबरने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है. जापान अब दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की सूची में जर्मनी से नीचे यानी कि चौथे स्थान पर खिसक गया है.
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जर्मनी अर्थव्यवस्था चुनौतियों से जूझ रहा
जर्मनी पहले से ही अपने निर्यात-निर्भर विनिर्माण क्षेत्र में चुनौतियों से जूझ रहा है, रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद ऊर्जा की बढ़ती कीमतों से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहा है. इसके अलावा, यूरोपीय सेंट्रल बैंक के ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले और बजट के आसपास की अनिश्चितताओं के साथ-साथ कुशल श्रम की पुरानी कमी ने जर्मनी की आर्थिक वृद्धि को और बाधित कर दिया है.
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भारत- निवेशकों के लिए बड़ा बाजार
इस बीच भारत, निवेशकों के लिए बड़ा अवसर बनकर उभरा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमानों के मुताबिक, भारत आर्थिक उत्पादन के मामले में जापान और जर्मनी दोनों से आगे निकलने के लिए तैयार है, अनुमान है कि यह बदलाव 2026 और 2027 में होगा. विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं 2024 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है और 2024 में इसकी वृद्धि 6.2 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है.भारत वर्तमान में अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
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