हिमाचल प्रदेश में बीपीएल सूची में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अप्रैल से शुरू होने वाले सर्वेक्षण में कोठी और गाड़ी रखने वाले कई परिवारों को सूची से हटाया जाएगा। ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग द्वारा तैयार दिशा-निर्देशों को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई है। बीपीएल चयन में गड़बड़ी पकड़ने की जिम्मेदारी एसडीएम और बीडीओ की दो सदस्यीय कमेटी को सौंपी गई है।
Also Read: मेरठ: एक ही परिवार के 5 सदस्यों की हत्या, पति-पत्नी और 3 बेटियों की लाश मिली
बीपीएल आय सीमा बढ़ी, विशेष परिस्थितियों वाले परिवारों को मिलेगी प्राथमिकता
बीपीएल परिवारों की आय सीमा को 2500 रुपये मासिक से बढ़ाकर 12,500 रुपये मासिक कर दिया गया है। महिला मुखिया वाले परिवार, ऐसे परिवार जिनके मुखिया 50% या उससे अधिक विकलांग हैं, और वे परिवार जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत 100 दिन का कार्य किया है, बीपीएल सूची में शामिल किए जाएंगे। इसके अलावा, ऐसे परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, या थैलेसीमिया जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं, या जिनसे स्थायी विकलांगता हो सकती है, उन्हें भी सूची में शामिल किया जाएगा।
Also Read: कानपुर: गैंगस्टर ने गाड़ियों का काफिला निकालकर मनाया गर्लफ्रेंड का बर्थ-डे
प्रदेश में बीपीएल चयन में गड़बड़ी रोकने के लिए एसडीएम और बीडीओ की कमेटी हर पंचायत में सूची फाइनल होने से पहले निरीक्षण करेगी। पहले पंचायत प्रधान या ग्राम सभा द्वारा तय किए गए नाम बीपीएल सूची में शामिल कर दिए जाते थे। सूची बनने के बाद अपील की प्रक्रिया थी, लेकिन गरीब लोग प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ अपील करने से कतराते थे। केवल एसडीएम ही अपात्र लोगों को सूची से हटा सकते थे। सरकार ने अब व्यवस्था में बदलाव कर एसडीएम और बीडीओ को सूची फाइनल होने से पहले ही निरीक्षण की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया है।
More Stories
बाघ ने पकड़ा, बच्चे की चालाकी देख लोग बोले – मम्मी से डर लगता है
‘मैं मछली नहीं खाता, शाकाहारी हूं’, जब बिरला ने कही ऐसी बात; भाजपा सांसद की टिप्पणी के बाद गहमागहमी
Top Short-Term Picks: HCL Tech, Tech Mahindra, Jio Financial