जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आज नई दिल्ली पहुंचे। उनकी भारत यात्रा दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित होगी। स्कोल्ज़ के साथ वरिष्ठ अधिकारी और एक उच्चस्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी आया है।
विदेश मंत्रालय की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया गया है कि इनकी भारत यात्रा 2011 में दोनों देशों के बीच अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) तंत्र की शुरुआत होने के बाद की किसी जर्मन चांसलर द्वारा की गई पहली स्टैंडअलोन यात्रा है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मु से करेंगे मुलाकात
सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में स्कोल्ज का स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान चांसलर शोल्ज ने कहा, “जर्मनी और भारत के बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं और मुझे उम्मीद है कि हम इस रिश्ते को मजबूत करेंगे। मुझे उम्मीद है कि हम अपने देशों के विकास और दुनिया में शांति के लिए प्रासंगिक सभी विषयों पर गहन चर्चा करेंगे।”
पीएम मोदी और स्कोल्ज दोनों पक्षों के सीईओ और बिजनेस लीडर्स के साथ भी बातचीत करेंगे। स्कोल्ज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात करेंगे। जारी किए गए प्रेस रिलीज के मुताबिक, 26 फरवरी को चांसलर बेंगलुरु जाएंगे।
शोल्ज़ की यात्रा से दोनों देशों को छठे अंतर-सरकारी परामर्श के परिणामों की समीक्षा करने, प्रमुख मुद्दों पर प्रगति करने, सुरक्षा और रक्षा में सहयोग बढ़ाने और घनिष्ठ आर्थिक संबंधों की दिशा में काम करने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त, स्कोल्ज़ प्रौद्योगिकी में चल रहे सहयोग के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
भारत और जर्मनी के संबंध बेहद मजबूत
भारत और जर्मनी के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी है। जर्मनी यूरोपीय संघ में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और लगातार भारत के शीर्ष 10 वैश्विक व्यापार भागीदारों में से एक रहा है। यह भारत में सबसे बड़े विदेशी प्रत्यक्ष निवेशकों में से एक है।
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