June 1, 2025

Central Times

Most Trusted News on the go

Earthquake

दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके

दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार दोपहर को एक भूकंप के संकेत महसूस किए गए। लोग तत्परता भरकर अपने घरों से बाहर निकले। कार्यालयों में काम कर रहे लोग ने भी काम छोड़कर इमारतों से बाहर निकलने का निर्णय लिया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 रही। इस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास था। वर्तमान में कहीं से भी जान-माल की कोई हानि की जानकारी नहीं है। इस भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के पूंछ इलाके में भी महसूस किए गए।

Also Read: Mumbai Trans Harbour Link opening

पृथ्वी के अंदर प्लेट तथा जोन फॉल्ट लाइन्स

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

Also Read: ओटीटी पर धमाल मचाने के लिए तैयार सुष्मिता सेन से लेकर रवीना टंडन तक

भूकंप के केंद्र और कंपन की आवृत्ति: प्रभाव और तीव्रता

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा। 

Also Read: 26 खिलाड़ियों को अर्जुन, 5 कोच को द्रोणाचार्य पुरस्कार.