निजी क्रिप्टोकरेंसी निवेश नहीं बल्कि यह पूरी तरह से सट्टेबाजी है। अगर इसको बढ़ने की इजाजत दी गई, तो ये अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह चेतावनी दी। उन्होंने साथ ही बिटकॉइन जैसे साधनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। दास ऐसे साधनों के प्रबल विरोधी रहे हैं और आरबीआई इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय तक गया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से जुड़े बड़े जोखिम शामिल हैं और हम इस बारे में हमेशा बताते रहे हैं।
क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन तेजी से गिरा
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बताते हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स का धराशायी होना शामिल है, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक है। दास ने कहा, इतना सब होने के बाद, मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रुख के बारे में कुछ और कहने की जरूरत है। निजी क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन 190 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 140 अरब डॉलर रह गया है। उन्होंने कहा कि भारत में बुनियादी आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ ‘नुकसान’ होगा।
दास ने कहा कि मौद्रिक नीति मुद्रास्फीति और विकास पर घरेलू कारकों द्वारा निर्देशित होती रहेगी। इसके अलावा यह अमेरिकी फेडरल बैंक की कार्रवाई जैसी अन्य चीजों पर भी गौर करती है।
More Stories
BJP MP’s Lok Sabha Speech Puts Uttarakhand BJP Government in the Spotlight
BPSC 70वीं परीक्षा परिणाम हाईकोर्ट ने याचिका खारिज, रिजल्ट रहेगा लागू
Maharashtra Council Accepts Breach of Privilege Notice Against Kunal Kamra