November 6, 2024

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UP wolf

उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के झुंड का फिर हमला, 3 साल की बच्ची की हत्या

यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों की दहशत लगातार बनी हुई है। रविवार को भेड़ियों ने एक मासूम बच्चे को अपना शिकार बना लिया और एक महिला पर भी हमला कर उसे घायल कर दिया। पिछले एक महीने में भेड़ियों ने 11 लोगों की जान ले ली है, जिनमें 10 बच्चे शामिल हैं। बहराइच जिले के लगभग 35 गांवों में अब सोमवती अमावस्या के कारण दहशत फैली हुई है।

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स्‍थानीय लोगों का कहना है कि आज की रात खौफनाक हो सकती है क्‍योंकि आदमखोर भेड़िये किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं। लोगों को आशंका है कि  भेड़ियों का गैंग अमावस्या की रात फिर एक्टिव हो जाएगा। ऐसा इसलिए भी क्योंकि ऐसी किदवंतियां हैं कि अमावस्‍या पर भेड़िये खूंखार हो जाते हैं।

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मावस्या की रात को भेड़ियों के उग्र होने की आशंका

धर्म और शास्‍त्रों से जुड़े लोगों के मुताबिक पूर्णिमा में चांद के होने की वजह से शांति रहती है और अमावस्या पर सूर्य की तेजी होती है। जिसके चलते अमावस्या पर आसुरी शक्तियों के साथ-साथ हिंसक जानवर उग्र हो जाते हैं। ही कारण है कि अमावस्या पर भेड़ियों के उग्र होने की बात सामने आती है। इसके अलावा फिल्‍मों में भी इस तरह की चीजें दिखाई गई हैं। इन्हीं कारणों से गांव के लोगों में अमावस्‍या की रात बड़े हमले का डर है।

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भेड़िया के शिकार की गंध से अन्य भेड़िये भी आकर्षित होते हैं

भेड़िया चूंकि गांव के आसपास के जंगलों में रहता है और वह शिकार करने गांव की ओर आ जाता है। जब भेड़िया एक बार शिकार कर लेता है तो उसे मानव खून की खुशबू के चलते अन्य भेड़िया भी उसी दिशा की ओर जाते हैं और शिकार करते हैं। किसी एक भेड़िए के द्वारा किए गए शिकार की खुशबू अन्य भेड़ियों को लग जाती है तो वह झुंड में शिकार करने निकल पड़ते हैं।

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तराई क्षेत्र में स्थित बहराइच: घने जंगलों और वन्यजीवों से घिरा जिला

यूपी का बहराइच जिला देवीपाटन मंडल के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है। जिले का उत्तरी भाग तराई क्षेत्र है, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है। चकिया, सुजौली, निशानगारा, मिहींपुरवा, बिछिया और बघौली जिले के मुख्य वन क्षेत्र हैं। यहां का कतर्नियाघाट भी बहुत प्रसिद्ध है। कतर्नियाघाट के जंगल में हाथी, बाघ और तेंदुआ देखने को मिल जाते हैं। वहीं बहराइच भारत-नेपाल सीमा के पास है और दुधवा टाइगर रिजर्व का भी बफर जोन है। बताया जा रहा है कि बरसात में भेड़ियों की मांद में पानी भर जाता है तो वो सुरक्षित जगह की तलाश के गांवों में पहुंच जाते हैं।