केंद्र सरकार ने मूडीज के आधार बायोमेट्रिक की विश्वसनीयता पर उठाए गए सवाल को खारिज कर दिया है. सरकार ने कहा कि ये दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी है, जिसे पिछले एक दशक में 1 अरब से ज्यादा भारतीयों ने इसपर भरोसा दिखाते हुए 100 अरब से ज्यादा बाद खुद को प्रमाणित किया है. साथ ही ज्यादातर भारतीय इसका उपयोग कर रहे हैं.
Also Read : निजी क्लीनिक में एयर कंडीशनर से ठंड लगने के कारण दो बच्चों की मौत
दरअसल, रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स ने आधार की बायोमेट्रिक की विश्वसनीयता को लेकर चिंता जाहिर की है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आधार सिस्टम में गड़बड़ियों की वजह से आधार का बॉयोमेट्रिक उन जगहों पर काम नहीं करता, जहां का मौसम या क्लाइमेट गर्म है. अब केंद्र सरकार की आईटी मिनिस्ट्री ने कहा है कि यह रिपोर्ट बेबुनियाद है.
Also Read: Asian Games 2023: India women’s cricket team wins Gold after beating Sri Lanka
सरकार ने कहा
बयान में कहा गया है कि एक रिपोर्ट में दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी आधार के खिलाफ कई दावे किए गए हैं. पेश की गई रिपोर्ट में डेटा या रिसर्च का हवाला नहीं दिया गया है. इसके साथ ही तथ्यों का पता लगाने का भी प्रयास नहीं किया गया है.
सरकार की ओर से जारी इस बयान में कहा गया है कि आधार संख्या की जानकारी भी गलत दी गई है. बयान के मुताबिक, रिपोर्ट में एकमात्र संदर्भ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की वेबसाइट का है. हालांकि रिपोर्ट गलत तरीके से जारी किए गए आधारों की संख्या 1.2 बिलियन बताती है. हालांकि वेबसाइट प्रमुखता से आधार संख्याएं देती है.
Also Read: Celebrating Dreams: Inspiring Success Stories of Great Indians on World Dream Day
दावा गलत
रिपोर्ट में कहा गया है कि बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी के उपयोग की वजह से भारत की गर्म, आर्द्र जलवायु में मजदूरों को सर्विस से वंचित कर दिया जाता है, जो भारत की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) का एक स्पष्ट संदर्भ है. बयान में कहा गया है कि रिपोर्ट के लेखक इस बात से अनजान हैं कि मनरेगा डेटाबेस में आधार की सीडिंग श्रमिकों को उनके बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके प्रमाणित करने की आवश्यकता के बिना की गई है, और यहां तक कि योजना के तहत श्रमिकों को भुगतान भी सीधे पैसे जमा करके किया जाता है. उनके खाते में और कार्यकर्ता को अपने बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आधार सिस्टम में सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी कमजोरियां हैं. इस संबंध में तथ्यात्मक स्थिति का खुलासा संसद के सवालों के जवाब में बार-बार किया गया है, जहां संसद को स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है कि आज तक आधार डेटाबेस से कोई उल्लंघन की सूचना नहीं मिली है. सरकार ने आधार को लेकर मजबूत गोपनियता सिस्टम बनाया है.
Also Read: Asian Games 2023: Indian Rifle Team Secures Gold with Record-Breaking Performance
More Stories
पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर गंभीर आरोप के बाद जारी हुआ अरेस्ट वारंट
Gujarat Shocker: Woman Claims Nerve Damage After Doctor Operates on Wrong Leg
Indian-Origin Immigrant Jailed for 5 Years in UK Wickes Assault Case