April 21, 2025

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मुठभेड़

झारखंड में कोबरा कमांडो और पुलिस की नक्सलियों से मुठभेड़, एक करोड़ के इनामी समेत आठ ढेर

झारखंड के डीजीपी के अनुसार, बोकारो मुठभेड़ में एक करोड़ रुपये का इनामी माओवादी विवेक मारा गया है। अब तक मुठभेड़ स्थल से कुल आठ नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। यह मुठभेड़ सोमवार सुबह बोकारो जिले के लालपनिया क्षेत्र के लुगु पहाड़ियों में हुई, जब लगभग 5:30 बजे सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन और पुलिस ने संयुक्त अभियान शुरू किया। इस ऑपरेशन को 209 कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन (कोबरा) के जवानों ने अंजाम दिया।

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बोकारो मुठभेड़ में आठ नक्सली ढेर, भारी मात्रा में हथियार बरामद

मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गए। ढेर किए गए नक्सलियों में एक पर एक करोड़ का इनाम था। सुरक्षा बलों को मौके से एक एके सीरीज राइफल, तीन इंसास राइफल, एक सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), आठ देशी बंदूकें और एक पिस्तौल मिली हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मियों में से किसी के घायल होने की खबर नहीं है। कोबरा सीआरपीएफ की विशेष जंगल युद्ध इकाई है। पुलिस और सुरक्षा बलों का यह अभियान केंद्र सरकार की ओर से मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने की घोषणा का हिस्सा है। 

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नक्सल मुद्दे पर सीएम साय की आज अमित शाह से मुलाकात

अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य घटनाक्रम में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सोमवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। यह बैठक नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय में होगी, जहां राज्य में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा की जाएगी। इस चर्चा में सुरक्षा बलों की तैनाती, रणनीतिक अभियानों की प्रगति, नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों की स्थिति और स्थानीय समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने के उपायों पर भी विचार किया जाएगा।

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छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, 140 से अधिक मारे गए

सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों के दौरान 140 से अधिक माओवादियों को मार गिराया गया है, जो सरकार के सख्त रुख और प्रभावी रणनीति का संकेत है। छत्तीसगढ़ को देश में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) का अंतिम गढ़ माना जाता है, और केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके तहत स्थानीय युवाओं को रोजगार, शिक्षा और बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर उन्हें हिंसा के रास्ते से हटाने की योजनाएं भी तेज़ी से लागू की जा रही हैं।