महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे फाल्गुन मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस वर्ष 8 मार्च को है, और इस दिन चार अत्यंत शुभ संयोग भी बनने वाले हैं. चंद्रमा मकर राशि में विराजमान होंगे, और इस दिन श्रवण नक्षत्र और शिव योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग भी बनेगा। इन चार अत्यंत शुभ संयोगों के कारण महाशिवरात्रि की पूजा शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाली होगी। इस अवसर पर जानने के लिए आप जानते हैं कि महाशिवरात्रि पर कब कौन सा योग होगा और उसका क्या प्रभाव होगा।
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महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त: भगवान शिव की आराधना का समय
फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अनुसार, महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 मिनट पर आरंभ होगा और 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा, जैसा कि पंचांग में दिया गया है।
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अति शुभ चार संयोग
महाशिवरात्रि के दिन शिव योग और सिद्ध योग भी बनेंगे। शिव योग उपासना और मंत्र जप के लिए उपयुक्त है। महाशिवरात्रि पर शिव योग उपासना से भक्तों को शुभ फल मिल सकता है। महाशिवरात्रि की निशिता पूजा में सिद्ध योग होगा, और व्रत के पारण के समय भी सिद्ध योग है। इस योग के स्वामी गणेश जी माने गए हैं, जो शुभता और सफलता प्रदान करते हैं, और विघ्नों को हटाते हैं। महाशिवरात्रि पर इस योग की पूजा से मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात: 6:38 बजे से 10:41 बजे तक।
- शिव योग: 9 मार्च को सूर्योदय से 12:46 बजे तक।
- सिद्ध योग: 9 मार्च को रात 12:46 बजे से 8:32 बजे तक।
- श्रवण नक्षत्र: प्रात: 10:41 बजे तक, फिर धनिष्ठा नक्षत्र।
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