मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में चंबल नदी में नहा रहे सात साल के बच्चे को मगरमच्छ ने निगल लिया। जब इस बात की खबर ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने मगरमच्छ को रस्सी से बांधकर बंधक बना लिया और उसके मुंह में एक मोटा बांस फंसा दिया। ग्रामीण बच्चे के उगलने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चा मगर के पेट में है, जब तक वह उसे उगल नहीं देता मगर को छोड़ेंगे नहीं। वहीं, वन विभाग का कहना है कि मगरमच्छ हमला कर सकता है लेकिन बच्चे को निगल नहीं सकता।
जानकारी के अनुसार
मामला श्योपुर जिले के रघुनाथपुर क्षेत्र के रीझेटा घाट का बताया जा रहा है। सोमवार सुबह लक्ष्मण सिंह केवट का बेटा अंतर सिंह केवट चंबल नदी में नहाने गया था। इसी दौरान मगरमच्छ उसे खींचकर नदी में ले गया। मगर को बच्चे को नदी में खींचकर ले जाते हुए वहां नहा रहे लोगों ने देखा था, जिसके बाद बच्चे के परिजन और ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे और जाल लेकर आए उन्होंने जाल के सहारे मगरमच्छ को नदी से निकाला और रस्सी से बांध दिया।
जैसे ही इस पूरे मामले की सूचना घड़ियाल विभाग की टीम को मिली तो टीम ग्रामीणों के कब्जे से मगरमच्छ को छुड़ाने के लिए मौके पर पहुंची। विभाग की टीम ने ग्रामीणों को समझाया कि मगर बच्चे पर हमला कर सकता है लेकिन उसे निगल नहीं सकता, लेकिन ग्रामीणों ने विभाग के कर्मचारियों की बात नहीं सुनी और मगरमच्छ को छोड़ने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चा मगर के पेट में है। बच्चे को उगलवाने के इंतजार में ग्रामीण देर शाम तक मगरमच्छ को बांधकर चंबल नदी के किनारे पर बैठे रहे।
रघुनाथपुर थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह तोमर से मिली जानकारी के अनुसार एक बालक नदी में नहाते समय गहरे पानी में चला गया। ग्रामीणों का कहना है कि उसे मगरमच्छ निगल गया है। घटना के तुरंत बाद ग्रामीण और बच्चे के परिजन बालक की तलाश में जुट गए थे, लेकिन कहीं पता नहीं चला। ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़कर बांध लिया है। हालांकि SDRF की टीम भी बालक की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक कोई पता नहीं चला है। अधिकारियों का कहना है कि अगर मगरमच्छ ने बालक पर हमला किया है तो उसने उसे थोड़ा बहुत खाकर छोड़ दिया होगा।
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