November 22, 2024

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योगी ने तेज स्पीकर बजाने वालों की रिपोर्ट मांगी

उत्तर प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर या तो उतार लिए गए या उनकी आवाज धीमी की गई है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी के निर्देश के बाद हुई है। उन्होंने कहा था कि धार्मिक स्थलों में सामान्य मानक के अनुसार ही लाउडस्पीकर बजें और उनकी आवाज सिर्फ धार्मिक परिसर के अंदर तक ही रहे। इस बीच सरकार ने तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने वालों की रिपोर्ट मांगी है।

योगी : 125 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाए गए

ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि अभी तक UP में 125 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाए गए हैं। वहीं, 17 हजार धार्मिक स्थलों पर स्पीकर की आवाज कम की गई है। इसके अलावा शासन ने तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने वालों की रिपोर्ट तलब की है। ये रिपोर्ट 30 अप्रैल तक देनी होगी।

37,344 धर्मगुरुओं से की गई बात

ADG लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि अलविदा की नमाज और इसके पहले जो अन्य धर्मों के भी त्योहार हुए हैं, उनमें लाउडस्पीकर की आवाज कम करने के लिए लगभग 37,344 धर्मगुरुओं से बात की गई है।

अलविदा की नमाज को लेकर संवेदनशील जिले अलर्ट

ईद की तैयारियों के संबंध में प्रशांत कुमार ने कहा कि अलविदा की नमाज (रमजान महीने का आखिरी जुमा) लगभग 31 हजार जगहों पर होनी है। इसके चलते करीब 75 हजार ईदगाह और 20 हजार मस्जिदों में नमाज पढ़ी जाएगी। इन सभी जगहों पर बात कर लाउडस्पीकर की आवाज को या तो परिसर तक ही सीमित रखा जाएगा या फिर लाउडस्पीकर उतरवाए जाएंगे। संवेदनशील जिलों में 45 कंपनी PAC, 7 कंपनी CRPF और स्थानीय पुलिस फोर्स को अलर्ट किया गया है।

लाउडस्पीकर की रिपोर्ट 30 अप्रैल तक देनी होगी

धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय हैं। इस बीच UP के ACS गृह

अवनीश अवस्थी ने सभी थाना प्रभारियों से धार्मिक स्थलों पर लगे अवैध लाउडस्पीकर हटाने के संबंध में रिपोर्ट मांगी है

ये रिपोर्ट 30 अप्रैल तक जमा करने को कहा गया है। निर्धारित समय पर रिपोर्ट नहीं देने पर कार्रवाई

की जाएगी।

योगी : नए धार्मिक स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति नहीं

अब नए आयोजनों और नए धार्मिक स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा

था कि शोभायात्रा, जुलूस के लिए पहले से अनुमति लेनी होगी। आयोजक को शांति-सौहार्द बनाए रखने के

संबंध में शपथ पत्र देना होगा। अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दी जाएगी, जो पारंपरिक होंगे