उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के एक फर्जी डॉक्टर द्वारा संचालित प्राइवेट अस्पताल में इलाज में कथित तौर पर घोर लापरवाही के कारण एक महिला की मौत हो गई. फर्जी डॉक्टर प्रियरंजन ठाकुर गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ बिसरख पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की गई है.
करीब दो महीने से आईवीएफ ट्रीटमेंट ले रही थी महिला
पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) राजेश एस ने बताया कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम की रहने वाली महिला ललिता 19 अगस्त को बिसरख इलाके के ईको विलेज 2 में प्रियरंजन ठाकुर द्वारा संचालित आईवीएफ क्रिएशन वर्ल्ड सेंटर गई थी. महिला इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रक्रिया के लिए 2 महीने से अस्पताल में इलाज करा रही थी, जो गर्भावस्था के लिए एक प्रौद्योगिकी-सहायता वाली विधि है.
इलाज के दौरान कोमा में गई महिला
आईवीएफ प्रोसेस के दौरान महिला बीमार हो गई और केंद्र में इमरजेंसी हेल्प नहीं मिल पाई और ललिता की हालत इतनी खराब हो गई कि वह कोमा में चली गई. जिसके बाद उसके नोएडा के ही दूसरे अस्पताल यथार्थ में भर्ती कराया गया. जहां 26 अगस्त को उसकी मौत हो गई. आईवीएफ केंद्र के मालिक ठाकुर को 28 अगस्त को महिला की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.
फर्जी निकली डॉक्टर की डिग्री
जांच के दौरान, ठाकुर के मेडिकल सर्टिफिकेट्स का वैरिफिकेशन कराया गया. 2005 की उनकी एमबीबीएस डिग्री में बिहार के मधेपुरा में भूपेंद्र नारायण विश्वविद्यालय का जिक्र किया गया था, लेकिन वैरिफिकेशन के दौरान डिग्री फर्जी पाई गई महिला की मौत के तुरंत बाद उसके पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. फर्जी डॉक्टर पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 338 (लापरवाही से मानव जीवन को खतरे में डालना) और 304 (लापरवाही के कारण मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है. ठाकुर के खिलाफआईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 और 471 (सभी जालसाजी से संबंधित) के तहत एक और FIR दर्ज की गई है. 28 अगस्त को आरोपी को जेल भेजा गया था.
More Stories
भारत का जल प्रबंधन: चिनाब नदी पर नहरों का विस्तार और नई संभावनाओं की तलाश
‘Op Sindoor’ Success: CM to Lead Tiranga Yatra in Nagpur on Sunday
COVID Surge in Hong Kong and Singapore Amid New Wave