महिलाओं के ट्रैक और फील्ड इवेंट्स में ट्रांसजेंडर महिलाओं की भागीदारी को लेकर एक बड़ा फैसला किया गया है। विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष सेबेस्टियन ने एक बयान जारी कर कहा कि ट्रांसजेंडर महिला एथलीट महिला स्पर्धाओं में भाग नहीं ले पाएंगी। कोए ने कहा कि 31 मार्च से किसी भी ट्रांसजेंडर एथलीट को महिलाओं की विश्व रैंकिंग स्पर्धाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यानी टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए टेस्टोस्टेरोन का आधार खत्म हो गया है।
ग्लोबल ट्रैक एंड फील्ड फेडरेशन की मीटिंग के बाद कोए ने कहा कि विश्व एथलेटिक्स ने ट्रांसजेंडर एथलीटों के मुद्दे के बारे में 40 राष्ट्रीय महासंघों, अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति और ट्रांस समूहों सहित हितधारकों के साथ परामर्श किया था। उन्होंने कहा- मीटिंग में अधिकांश ने कहा कि ट्रांसजेंडर एथलीटों को महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा नहीं करनी चाहिए। एक लाइन में कहा जाए तो महिला ट्रांसजेंडरों, जो कि कभी पुरुष थे, को महिला एथलीटों पर शरीरिक रूप से मजबूत माना जाता है।
हमेशा के लिए ‘नहीं’ नहीं है
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक विकास की निगरानी के लिए एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति की अध्यक्षता में एक कार्य समूह बनाया जाएगा। कोए ने कहा- हम हमेशा के लिए ‘ना’ नहीं कह रहे हैं। हम इसमें शारीरिक प्रदर्शन और पुरुष लाभ को लेकर आने वाले वर्षों में वैज्ञानिक आधार पर फैसला कर सकते हैं। जैसे ही इस बात का सबूत मिलेगा कि ट्रांसजेंडर को शारीरिक रूप से फायदा नहीं मिल रहा है तो हम अपनी स्थिति की समीक्षा करेंगे। हमारा मानना है कि एथलेटिक्स में महिला वर्ग की अखंडता सर्वोपरि है।
पिछले नियमों में विश्व एथलेटिक्स में ट्रांसजेंडर महिलाओं को अपने रक्त टेस्टोस्टेरोन के स्तर को अधिकतम 5 नैनोमोल्स प्रति लीटर (एनएमओएल/एल) तक कम करने और महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने से पहले 12 महीने की अवधि के लिए लगातार इस सीमा के तहत रहने की आवश्यकता थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान में खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाले कोई ट्रांसजेंडर एथलीट नहीं हैं।
More Stories
NEP Row Pradhan Urges Stalin to Rise Above Politics
Powerlifter Yashtika Acharya, 17, Dies in Training Accident
संभल हिंसा: 208 आरोपियों के खिलाफ 4175 पन्नों की चार्जशीट दाखिल